बदायूं के वर्तमान राजनेतिक हालात पर निगाह डाली जाये तो एक बात की सम्भावना पूरी तरह साफ दिख रही है। भाजपा और सपा हो बसपा इनमें से उतना खतरा विरोधियों से नहीं जीत का सपना दिखाने वाले अपनों के घर का भेदी बन कर रायता फैलाने का ज्यादा खतरा स्पष्ट दिख रहा है।