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हरबिलास गोयल इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने सीखा बेकार चीजें प्रयोग में लाना

***** दिल्ली के भारत दर्शन पार्क का किया भ्रमण।*******
उझानी बदायूं 22 फरवरू2024। नगर के हरबिलास गोयल इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने विद्यालय की तरफ से दिल्ली के भारत दर्शन पार्क का भ्रमण किया। जिसमें उन्होंने मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानवर्धक जानकारियाँ भी प्राप्त कीं। विगत दिनांक 18 फरवरी को विद्यालय की तरफ से सभी विद्यार्थियों को दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित भारत दर्शन पार्क ले जाया गया। वहाँ विद्यार्थियों ने लोहे, एल्युमिनियम आदि धातुओं से बने विभिन्न स्मारकों, मंदिरों के प्रतिरुपों को देखा। भारत दर्शन पार्क की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वहाँ पर बनाई गई सभी कलाकृतियों को लोहे, एल्युमिनियम, गैस सिलेण्डर आदि के पुराने व बेकार अपशिष्टों से भारत के चारों कोनों पर स्थित इमारतों, स्मारकों, तीर्थ-स्थलों आदि का प्रतिरुप दिया गया।
पार्क के प्रांगण में हवामहल, गोल गुंबद, कुतुबमीनार, नालंदा विश्वविद्यालल, मीनाक्षी मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, रामेश्वर मंदिर, पुरी जगन्नाथ मंदिर, महावत महल, साँची का स्तूप, बुद्ध की प्रतिमा, कोणार्क का सूर्यमंदिर, ताजमहल, लालकिला, भगवान श्रीकृष्ण व अर्जुन का रथ, खजुराहो मंदिर, अजंता एवं एलोरा की गुफाएँ आदि को बिजली के खंभो, कार गियर, पाइप, शीट्स, नट एवं बोल्ट, लोहे के एंगल, गैस कटिंग शीट्स, बेयरिंग, एक्सल, चेन, गैस सिलेण्डर, इंजन के पार्ट्स, साइकिल पार्ट्स, लोहे की सलाखें, क्लच, टायर, साइकिल रिम, जे.सी.बी. पार्ट्स, रिक्शा पट्टी आदि के अपशिष्टों से बेहद ही खूबसूरत ढंग से बनाया गया था।
इन सभी प्रतिरुपों में प्रत्येक को बनाने में 100 से 200 दिन तक का समय लिया गया था। सभी विद्यार्थियों ने भ्रमण के दौरान लोहे व प्लास्टिक के अपशिष्टों का पुनः उपयोग कैसे किया जाए। इस बात को बखूबी जाना। विद्यार्थियों ने आगामी भविष्य में किसी अपशिष्ट को उपयोग में लाकर एक विशेष माॅडल बनाने की योजनाओं को सीखा तथा सभी विद्यार्थी बहुत ही उत्साहित हुए।
विद्यालय परिवार की ओर से प्रधानाचार्य गोरव सिंह पुंडीर,प्रबंध समिति सदस्य करन थरेजा एवं विद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा। राजेश वार्ष्णेय एमके।