3:27 pm Friday , 31 January 2025
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राम वनवास की कथा सुनकर सभी के नेत्र हुए नम

राम वनवास की कथा सुनकर सभी के नेत्र हुए नम

रिसौली में रामकथा का आठवां दिन

बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव रिसौली में मोहन पट्टी में चल रही रामकथा आठवें दिन रवि समदर्शी महाराज ने भगवान के वनवास की कथा का प्रसंग सुनाया। जिससे यहां सभी श्रोताओं के नेत्र सजल हो गए। उन्होने कहा कि भगवान जब से विवाहित होकर अवध में आए हैं तब से नित्य नए-नए मांगलिक उत्सव हो रहे हैं, प्रेम, सुख, शांति, संपन्नता के घोर बादल बरस रहे हैं। एक दिन राज भवन में समस्त मंत्रियों के सामने राजा दशरथ ने शीशा मंगाकर देखा थोड़ा सा मुकुट तिरछा था सिद्ध किया तो सफेद बाल दिखे। तुरंत विचार किया अब त्याग का, प्रभु प्राप्ति का समय आ गया, निर्णय लिया राज्य राम को सौंप देना चाहिए यह समाचार गुरुदेव को बताया। वशिष्ठ जी ने कहा राजन देने में देरी कैसी। लेकिन राजा दशरथ ने उसे कल पर टाल दिया। जैसे ही मंथरा को पता चला राम का राजतिलक होने वाला है तो वह दौड़कर कैकई के पास पहुंची और कैकई को खूब भड़काया। इसके बाद कैकई ने राजा से दो वरदान मांगे। पहला वरदान में राम की जगह मेरा बेटा भारत राजा हो और दूसरा वरदान तपस्वी वेश में 14 वर्ष राम बनवास में रहे। इसके बाद राम, सीता और लक्ष्मण के साथ वन को चले जाते है। इस मौके पर सोनू शर्मा, विपिन सिंह, योगेश बजाज, भानू चौहान, सतीश कश्यप, अवधेश महेश्वरी, अवधेश पाली, राजेश पाली, दुष्यंत सोलंकी, राजेंद्र शर्मा, राजेश सिंह, संजीव सिंह आदि मौजूद रहे।