वामन अवतार और राजा बलि का प्रसंग सुनकर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
रायपुर बुजुर्ग में भागवत कथा का चौथा दिन,बच्चों ने पेश की झांकियां
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव रायपुर बुजुर्ग में मौर्य बस्ती में शिव मंदिर के निकट चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक सुरेश रतन शास्त्री ने राजा बलि और भगवान के वामन अवतार का प्रसंग बड़े गी सुंदर ढंग से सुनाया। उन्होंने कहा कि राजा बलि के अभिमान को तोड़ने के लिए भगवान ने वामन अवतार लिए। राजा बलि की परीक्षा ली और तीन पैरों में सारा संसार नापकर अपने असली रूप का दर्शन दिया। प्रसंग सुनकर श्रोता जयकारे लगाने लगे। कथावाचक ने कहा कि दैत्यों का राजा बलि बड़ा पराक्रमी था। उसने तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया। वामन रूप में विराजमान भगवान विष्णु राजा बलि के यहां पहुंचे। बलि से उन्होंने कहा राजा मुझे दान दीजिए। मुझे तीन पग धरती चाहिए। दैत्यगुरु भगवान की महिमा जान गए और बलि को दान का संकल्प लेने से मना किया। बलि ने कहा यदि यह भगवान हैं तो भी मैं इन्हें खाली हाथ नहीं जाने दे सकता। भगवान वामन ने एक पग में बलि का राज्य और दूसरे पग से स्वर्ग का राज नाप लिया। अगला भगवान ने कहा तीसरा पग कहां रखूं। बलि के कहने पर जैसे ही भगवान ने उसके ऊपर पग रखा तो राजा बलि पाताल में चले गए। भगवान ने बलि को पाताल का राजा बना दिया। यहां गांव के बच्चों ने सुंदर-सुंदर झांकियां भी पेश किए। इस मौके पर केशव शाक्य, चरण सिंह, दुर्गपाल शाक्य, सुषमा शाक्य, शारदा शाक्य, राजेश्वरी देवी, मिथिलेश कुमारी आदि मौजूद रही।