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राम कथा है कल्पवृक्ष सभी मनोरथ पूर्ण करती है- रवि जी समदर्शी महाराज

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उझानी बदायूं 18 फरवरी 2024।
मोहनपट्टी रिसौली में निरंतर चल रही सेवा,संस्कार और मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा को समर्पित श्री रामकथा महोत्सव के सातवे दिन सामाजिक संत रवि जी समदर्शी महाराज
ने बताया कि इस कलयुग में श्री रामकथा कल्प वृक्ष है सभी के मनोरथ पूर्ण करती है । राजा जनक विश्वामित्र जी से कहते हैं ये दोनों बालक कौन है क्या किसी राजा के बेटे राजकुमार है या मुनि कुल से हैं
मुझे तो लगता है कि पृथ्वी पर साक्षात ब्रह्म मनुष्य रुप में आ गये है । इन्हें देख कर मेरे मन में अनुराग जागा,जनक जी ने जानकी जी वाले कक्ष में राम लक्ष्मण और विश्वामित्र को सौप दिया,भगवान तो भक्ति के भवन में ही निवास करते हैं
भोजन विश्राम की बाद भगवान ने कहा गुरदेव से कहा लखन जनकपुरी देखना चाहते गुरुजी ने आज्ञा दी,सारे नगर में दो सुंदर राजकुमार आए हे ऐसा समाचार चारो तरफ़ फैल गया सब ने अपने काम धाम छोड़कर भगवान के दर्शन के ऐसा लगता है जनकपुर वासी कुछ लूटने के लिए आए गरीब को निधि मिल गई होड़ लगी है दर्शन करने की एक सखी कहती है यह दोनों दशरथ के बेटे हैं लखन ने कहा प्रभु यह तो हमारे पिताजी को जानती हे भगवान ने का हमारे पिताजी चक्रवर्ती हैं उनको सब जानते हैं आगे बढ़े इतने कहां इनकी माता का नाम कौशल्या है और जो पीछे सुंदर से राजकुमार हैं उनकी मां का नाम सुमित्रा है लखन जी बोले प्रभु ये सखी तो अपनी तरफ कि लगती है थोड़ा इससे बात करते हैं भगवान ने कहा लखन यहां पर माया का बहुत प्रभाव इसलिए विना इधर उधर देखे चलते रहो l सब दर्शन करना चाहते हैं रामजी की लेकिन भगवान अपना मुह नीचे किए हुई चलते हैं तब जनकपुरी की गोपिकाओ ने भगवान के ऊपर सुमन अर्पित किए अर्थात सुंदर मन,भगवान ने कहा इस अवतार में एक पत्नी व्रत लेकर आया हूं द्वापर में आप सबकी मन इच्छा पुरी होगी l भगवान वापस गुरुदेव के पास आए। ओर भगवान राम आशीर्वाद से द्वापर में सभी कृष्ण के सखा व गोपियां वनकर आये। राजेश वार्ष्णेय एमके।