3:15 pm Friday , 31 January 2025
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रायपुर बुजुर्ग में भागवत कथा

सभी को श्रवण कुमार की तरह माता-पिता की सेवा करनी चाहिए
रायपुर बुजुर्ग में भागवत कथा का दूसरा दिन
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव रायपुर बुजुर्ग में मौर्य बस्ती में शिव मंदिर के निकट चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक सुरेश रतन शास्त्री ने श्रवण कुमार की कथा सुनाते हुए कहा कि कोई गलत कार्य करने से पहले कई बार सोचना चाहिए। श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर चार धाम की यात्रा कराने निकले थे। जब वह अयोध्या सरयू नदी से अपने माता-पिता के लिए पानी लाने गए। उस समय अयोध्या के राजा दशरथ शिकार पर निकले हुए थे। जब श्रवण कुमार नदी से जल लेने लगे तो उनकी आहट सुनकर राजा दशरथ को लगा कि नदी के किनारे पर कोई हिरन है और उन्होंने तुंरत तीर चला दिया। तीर सीधे श्रवण के हृदय में लगा। तलाश करने के बाद उन्हें श्रवण कुमार नदी के किनारे मरणासन्न अवस्था में मिले। जिसके बाद श्रवण कुमार के माता-पिता फूट फूटकर रोने लगे। राजा दशरथ अपने इस कृत्य के लिए क्षमा मांगने लगे। तब श्रवण कुमार के दुखी पिता ने राजा दशरथ को शाप दिया कि जिस तरह मैं पुत्र वियोग से मर जाऊंगा, राजन तुम भी वैसे ही पुत्र वियोग में तड़पोगे। यह कहकर श्रवण के माता-पिता ने तत्काल अपने शरीर को त्याग दिया। कथावाचक ने कहा कि सभी को अपने माता-पिता की सेवा श्रवण कुमार की तरह करने चाहिए। इस मौके पर केशव शाक्य, चरण सिंह, दुर्गपाल शाक्य, सुषमा शाक्य, शारदा शाक्य, राजेश्वरी देवी, मिथिलेश कुमारी, गुड्डो देवी, सत्यवती, शारदा देवी, शिवानी, विमलेश, सोनम, नीलम, रामरती शाक्य आदि मौजूद रही।