*पार्वती ने घोर तप से पाऐ भोलेनाथ — रवि जी महाराज।***———– उझानी बदायूं 14 फरवरी 2024। अयोध्या में श्री राम मन्दिर में मेरे राम जी के प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में श्री राम कथा महोत्सव मोहन पट्टी रिसौली में श्री रवि जी समदर्शी महाराज ने कथा के द्वितीय दिवस पर सती का जलना दक्ष प्रजापति का प्रायश्चित कर यज्ञ पूर्ण किया l
शिव विवाह की कथा सुनाई जैसे ही पार्वती जी के जन्म के बारे में नारद जी को पता चला नारद जी ने दौड़ कर हिमाचल के घर पर जगत जननी मां पार्वती को हृदय से प्रणाम किया । और उनके बारे में उनके माता-पिता को सब कुछ बताया और कहा अगर आपकी बेटी तप तपस्या करें तो भगवान शंकर पति के रूप में प्राप्त हो सकते हैं तब हिमांचल ने कहा बेटी छोटी है आप जितनी चाहो दक्षिणा ले लेना कोई अनुष्ठान करा लो पर इसके जीवन के कष्ट मिट जाएं तब नारद जी ने कहा दक्षिणा से जगत को दो तो रिझा सकते हो पर जगत पिता को नहीं अतः पार्वती को स्वयं तपस्या करनी होगी।
माता-पिता को चिंतित देख पार्वती ने स्वयं वन में जाकर तपस्या करने का निर्णय लिया और बहुत भारी तप किया 1000 बर्ष तक कंदमूल फल खाए l 100 वर्ष तक साग खाया कुछ दिन पानी पिया फिर पानी के बबूले प्रकट होने लगे बेल के गिरे हुए पत्ते खाए अपर्णा कहलायी मां ने जब देखा इतना भारी तेज से मां यह शब्द निकला तब उनका नाम उमा पड़ा
ऐसा तब तीनों लोगों में आज तक किसी ने तप नहीं किया, एक दिन भगवान शंकर के समक्ष राम जी उपस्थित हुए और पार्वती से विवाह करने की बात कही, भगवान शंकर ने कहा जिस नारी ने आपको प्रणाम तक नहीं किया उसका आप हित की बात करते हैं नेत्रों में आंसू भर कर और विवाह के लिए हां कर दिया,सप्त ऋषि पार्वती की परीक्षा लेने गए तब पार्वती जी ने कहा सैकड़ों जन्मों तक मैं तपस्या करूंगी भले ही मेरा शरीर छूट जाए लेकिन मेरा हट छूट नहीं सकता मेरा हट है कि मैं शिव से ही विवाह करूंगी मेरे गुरुदेव का यही आशीष है उसी समय तारकासुर का जन्म हुआ तारकासुर ने सारे पृथ्वी पर अत्याचार पापाचार अनाचार से भारी कंपन कर रखा था तब इंद्र ने भगवान की समाधि छुड़ाने के लिए कामदेव को शिव भगवान के पास भेजा काम से सारा क्षेत्र तीनों लोक काम आसक्त हो गए पर शंकर जी के ऊपर कोई प्रभाव नहीं हुआ क्योंकि उनके हृदय में राम रहते हैं तब काम ने आम की वोट लेकर शंकर जी के हृदय पर बाण मारे और उन्हें जगाया भगवान शंकर का क्रोध में तीसरा नेत्र खुला और काम भस्म हो गया तब देवताओं को देखा सामने खड़े हैं देवताओं ने सारी घटना बताई शंकर जी के विवाह की तैयारियां होने लगी उनके गणों ने शंकर जी को सजाया
मेरे राम जी की कथा में गंगा सिंह,राम बहादुर सिंह,विपिन सिंह,योगेश बजाज,रिंकू चौहान,दुष्यंत सोलंकी,छोटे लाल,डॉक्टर सुरेंद्र सिंह, दिनेश पाली,,राजीव राणा, वेदपाल चौहान,राजेश आदि राम भक्तों ने कथा सुनकर आरती प्रसाद पाया। राजेश वार्ष्णेय एमके।