– आचार्य संजीव रूप
🚩 *माघ – – — – शुक्ल – पञ्चमी -२०८०* 🚩
🔥 *1 4 फरवरी 2024* 🔥~~~~~~~~~~~~~~~~
दिन —– *बुधवार*
‘तिथि *पञ्चमी*
नक्षत्र — *रेवती*
पक्ष —— *शुक्ल*
माह– — *माघ*
ऋतु ——– . *शिशिर*
सूर्य —- * . *उत्तरायणे*
विक्रम सम्वत — 2080
दयानन्दाब्द — 200
वङ्गाब्द – 1429
शक सम्बत -. 1945
कलयुगाब्द,: 5124.
कल्प सृष्टि सम्वत–1972949124वां
वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२४ वां
*सूर्योदय-/सूर्यास्त* (दिल्ली- 7:02/ 6: 10 (लखनऊ : 6:4 4/ 5: 5 7
*ब्रहा मुहूर्त*: 5: 28 से 6: 16 प्रातः तक
🌹 *रूप- वाणी* :
संस्कृति विचारों की दासता से मुक्त करती हैं..!
🍄 *पहला सुख निरोगी काया*
*पानी*: पानी कब पिए : भोजन के पहले पानी पीने से पाचन शक्ति कम हो जाती है,शरीर पतला होता है ,भोजन के मध्य में पानी56 घूंट पीने से भोजन जल्दी पचता है
🌷 *संजीव रूप*
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072
*हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵
हे परमात्मन् आपको नमन! आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। सृष्टिसम्वत एक अरब सत्तानवे करोड़ उनतीस लाख उनन्चास हजार एक सौ चौवीसवां है,कलियुगाब्द 5124, विक्रम सम्वत् दो हजार अस्सी है,दयानन्दाब्द 2OO वां है, सूर्य उत्तर अयन में दक्षिण गोल में वर्तमान है ,कि *ऋतु शिशिर, *मास माघ * शुक्ल पक्ष- पंचमी तिथि- नक्षत्र: रेवती है,आज बुधवार है, 14 फरवरी 2024* को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,
🕉️ *संस्कृत संकल्प पाठ:*🕉
ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि चतुर्विन्शत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चसहस्त्राणि पंचविशत्युत्तरशततमे कलियुगे, अशीत्युत्तर द्विसहस्रतमे वैक्रमाब्दे ,, शाके १९४५ दयानन्दाब्दे( द्वि सहस्र उत्तर शततमे) २०० , रवि उत्तराणायणे, दक्षिण गोले, *शिशिर* ऋतौ, *माघ मासे, शुक्ल पक्षे, पञ्चमी तिथि, रेवती नक्षत्रम्,** *बुधवार* तदनुसारम् आङ्गलाब्द 2024 फरवरी मासः, 14*
दिनाङ्क*।
जम्बूद्वीपे,…
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)…..अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्धि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् . सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏.
[14/2, 5:31 am] acharyaroop: 🕉️🙏 *नमस्ते जी* 🙏🕉️
– आचार्य संजीव रूप
🚩 *माघ – – — – शुक्ल – पञ्चमी -२०८०* 🚩
🔥 *1 4 फरवरी 2024* 🔥~~~~~~~~~~~~~~~~
दिन —– *बुधवार*
‘तिथि *पञ्चमी*
नक्षत्र — *रेवती*
पक्ष —— *शुक्ल*
माह– — *माघ*
ऋतु ——– . *शिशिर*
सूर्य —- * . *उत्तरायणे*
विक्रम सम्वत — 2080
दयानन्दाब्द — 200
वङ्गाब्द – 1429
शक सम्बत -. 1945
कलयुगाब्द,: 5124.
कल्प सृष्टि सम्वत–1972949124वां
वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२४ वां
*सूर्योदय-/सूर्यास्त* (दिल्ली- 7:01/ 6: 10 (लखनऊ : 6:43/ 5: 5 7
*ब्रहा मुहूर्त*: 5: 28 से 6: 16 प्रातः तक
🌷 पर्व: बसन्त पञ्चमी
🌹 *रूप- वाणी* :
संस्कृति विचारों की दासता से मुक्त करती हैं..!
🍅 *पहला सुख निरोगी काया*
*पानी*: पानी कब पिएँ : भोजन के पहले पानी पीने से पाचन शक्ति कम हो जाती है,शरीर पतला होता है ,भोजन के मध्य में पानी56 घूंट पीने से भोजन जल्दी पचता है
🌷 *संजीव रूप*
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072
*हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵
हे परमात्मन् आपको नमन! आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। सृष्टिसम्वत एक अरब सत्तानवे करोड़ उनतीस लाख उनन्चास हजार एक सौ चौवीसवां है,कलियुगाब्द 5124, विक्रम सम्वत् दो हजार अस्सी है,दयानन्दाब्द 2OO वां है, सूर्य उत्तर अयन में दक्षिण गोल में वर्तमान है ,कि *ऋतु शिशिर, *मास माघ * शुक्ल पक्ष- पंचमी तिथि- नक्षत्र: रेवती है,आज बुधवार है, 14 फरवरी 2024* को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,
🕉️ *संस्कृत संकल्प पाठ:*🕉
ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि चतुर्विन्शत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चसहस्त्राणि पंचविशत्युत्तरशततमे कलियुगे, अशीत्युत्तर द्विसहस्रतमे वैक्रमाब्दे ,, शाके १९४५ दयानन्दाब्दे( द्वि सहस्र उत्तर शततमे) २०० , रवि उत्तराणायणे, दक्षिण गोले, *शिशिर* ऋतौ, *माघ मासे, शुक्ल पक्षे, पञ्चमी तिथि, रेवती नक्षत्रम्,** *बुधवार* तदनुसारम् आङ्गलाब्द 2024 फरवरी मासः, 14*
दिनाङ्क*।
जम्बूद्वीपे,…
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)…..अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्धि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् . सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏.