10:21 am Friday , 31 January 2025
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महर्षि दयानंद ने जलाई थी राष्ट्रभक्ति की ज्वाला: आचार्य संजीव रूप

महर्षि दयानंद के 200 वें जन्म जयंती

(जेल अधीक्षक डॉ विनय कुमार ने महर्षि दयानंद को बताया नारी )
बदायूं, स्त्री आर्य समाज बदायूं के तत्तावधान में आर्य समाज के संस्थापक महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद के 200 वें जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष में स्थानीय कल्याण नगर में स्थित महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल में यज्ञ एवं सत्संग समारोह आयोजन किया गया! इस अवसर पर विश्व शांति राष्ट्र समृद्धि की कामना के साथ यज्ञ किया गया! इस अवसर पर मुख्य वक्ता यज्ञ के ब्रह्मा सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहां “महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म भारतवर्ष को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने, समाज में फैली कुरीतियां, कुनीतियां, पाखंड, अविद्या अंधकार को मिटाने,भारतवर्ष को पुनः विश्व गुरु बनाने को हुआ था! महर्षि दयानंदरानी लक्ष्मीबाई , लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान राष्ट्र भक्तों के गुरु थे! उन्होंने कहा थाविदेशी राजा पिता के तुल्य प्यार करने वाला हो तो भी अच्छा नहीं होता, स्वदेशी ही राजा ही सर्वोत्तम राष्ट्र उद्धारक होता है! उन्होंने छुआछूत, जाति पाति ,प्रथा कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह,भू त -प्रेत मान्यता, मृतक भोज आदि के विरुद्ध अभियान छेड़ा! तथा घर-घर यज्ञ की ज्योति जलवाई, गुरुकुल खुलवाए, नारी शिक्षा के द्वार खुले! मुख्य अतिथि जेल अधीक्षक डॉक्टर विनय कुमार ने कहाआर्य समाजकी विशेषता हैयह लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाता है महर्षि दयानंद ने कहा शुभ काम करना ही ईश्वर की भक्ति हैसबसे प्रेम करोजहां नारियों का सम्मान होता है वही देवता रमण करतेहैं! इस अवसर पर कु० तृप्ति शास्त्री ने वेद पाठ किया! हरिओम वर्मा सुमन वर्मापंडित दयाराम वेदपाठी नेसुंदर भजन गाते हुए आर्य समाज की महिमा सभी को समझा!ई! विक्रम का संचालनस्तरीय आर्य समाज बदायूं की मंत्रीश्रीमती शशि आर्य ने कियाप्रधानाचार्य दीपक सक्सेना सभी का स्वागत कियाबदायूं स्त्री आर्य समाज बदायूं के सत्तावधान में आर्य समाज के संस्थापक महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद के 200 में जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष मेंस्थानीय कल्याण नगर में स्थित महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल में यज्ञ एवं सत्संग समारोह आयोजित किया गया! इस अवसर पर विश्व शांति राष्ट्र समृद्धि की कामना के साथ यज्ञ किया गया! इस अवसर पर मुख्य वक्ता यज्ञ के ब्रह्मा सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहां महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म भारतवर्ष को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने, आज मैं फैली कुरीतियां, कुनीतियां, पाखंड, अविद्या अंधकार को मिटाने,भारतवर्ष को पुनः विश्व गुरु बनाने को हुआ था! महर्षि दयानंद लक्ष्मीबाई , लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान राष्ट्र भक्तों के गुरु थे! उन्होंने कहा था *विदेशी राजा पिता के तुल्य प्यार करने वाला हो तो भी अच्छा नहीं होता, स्वदेशी राजा ही सर्वोत्तम राष्ट्र उद्धारक होता है! उन्होंने छुआछूत, जाति पाति , कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह,भू त -प्रेत मान्यता, मृतक भोज आदि कुप्रथाओं के विरुद्ध अभियान छेड़ा! तथा घर-घर यज्ञ की ज्योति जलवाई, गुरुकुल खुलवाए, नारी शिक्षा के द्वार खुले! मुख्य अतिथि जेल अधीक्षक डॉक्टर विनय कुमार ने कहा *आर्य समाज की विशेषता है यह लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाता है महर्षि दयानंद ने कहा था शुभ काम करना ही ईश्वर की भक्ति है! सबसे प्रेम करो ! जहां नारियों का सम्मान होता है वही देवता रमण करतेहैं! इस अवसर पर कु० तृप्ति शास्त्री ने वेद पाठ किया! हरिओम वर्मा सुमन वर्मा .,पंडित दयाराम वेदप थी ने सुंदर भजन गाते हुए आर्य समाज की महिमा सभी को समझाई ! कार्यक्रम का संचालन आर्य समाज बदायूं की मंत्री श्रीमती शशि आर्य ने किया! प्रधानाचार्य दीपक सक्सेना ने सभी का स्वागत किया! कार्यक्रम में विपिन जौहरी,
आचार्य प्रताप सिंह, पंडित चंद्रभानु शर्मा, , हरिओम , , डॉ अशोक शर्मा,एडवोकेट मुनेन्द्र प्रताप सिह, उषा अरोड़ा श्रीमती रजनी दिव्या यादव, मंजुला,सर्वेश , सीमा रस्तोगी, रामप्रकाशआर्य,सुरेंद्र मौर्यआदि मौजूद रहे