श्रीमद भागवत कथा छटा दिन
श्रीकृष्ण राधा सेवा समिति की ओर से मोहल्ला कृष्णापुरी के श्री जी रिसार्ट में आयोजित संगीतमयी श्रीमद भागवत महापुराण की कथा के छटे दिन कथा व्यास आचार्य नंदकिशोर मिश्र ने कहा भक्ति का अंकुर जिसके हृदय में अंकुरित हो जाता है तो वह कभी नष्ट नहीं होता है। प्रभु की भक्ति उनको ही प्राप्त होती है जिनका मन निर्मल होता है। जो लोग सांसारिक मोह-माया के जाल में फंसे रहते हैं उन्हें कभी भगवान की भक्ति प्राप्त नहीं होती है।
गजेंद्र मोक्ष के प्रसंग से बोले जो भगवान के भक्तों का साथ पकड़ लेता है उसका भी परमात्मा भव सागर से बेड़ा पार कर देता है । इसीलिए भगवान ने पहले ग्राह का उद्धार किया और बाद में अपने भक्त गजेंद्र को मुक्ति प्रदान की।
रुक्मिणी मंगल के प्रसंग से बतलाया कन्यादान ही सबसे बड़ा दान है।बेटी ही कुल की सुंदरता होती है।जिस घर में बेटी नहीं होती है वह घर स्वर्ग के समान बन जाता है। हमे पुत्र की इच्छा करना चाहि ठीक है लेकिन बेटियों किसी तरह का कोई भी अपराध करने से बचना चाहिए।
देर रात तक चली कथा मे भक्तों श्री रुक्मिणी विवाह के समय श्रद्धा से कन्यादान किया और मधुर संकीर्तन पर नाचते झूमते रहे।
कथा पांडाल में भारी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।वाद्य यंत्रों पर जाने माने संगीतकार शिव ओम जी,रामदास जी और रामशंकर जी ने संगीत के द्वारा कथा को ऊंचाइयां प्रदान कीं।पूजन का कार्य पंडित उमेश शास्त्री ने संभाला ,मूल पाठ पंडित अभिषेक चतुर्वेदी ने किया ।
व्यवस्थाओं में समिति अध्यक्ष विनोद कुमार मिश्र एडवोकेट सचिव केएल गुप्ता, मंच संचालक कामेश पाठक कोषाध्यक्ष एमपी शर्मा ,ग्रीश चंद्र पाराशरी विश्वनाथ शर्मा ,सदस्य दिनेश चंद शर्मा ,,नरेंद्र शर्मा,विनीत अग्निहोत्री,शिवेका नंद शर्मा,रमाकांत दीक्षित,अनुपम पचौरी,श्रीनिवास तिवारी,आरडी शर्मा ,नरेंद्र गुप्ता, ठाकुर सत्यपाल ,अनुज कुमार सिंह,मुन्ना लाल फौजी,अवधेश
श्रोत्रिय ,राहुल मिश्र ,शिवांकर मौर्य ,विशाल मौर्य का विशेष सहयोग रहा। देवेश चंद्र मिश्र सपत्नीक मुख्य परीक्षित की भूमिका में रहे ।