12:34 pm Friday , 31 January 2025
BREAKING NEWS

श्री कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु, पूरा पंडाल जयकारों से गूंजा

*श्री कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु, पूरा पंडाल जयकारों से गूंजा*

उघेति/बदायूँ-व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। बिसौली के ग्राम जसरथपुर श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के चौथे दिन पर हरिद्वार से आये कथा वाचक पंडित विजय कांत भारद्वाज ने यह बात कही। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
कथा व्यास पण्डित विजयकांत भारद्वाज ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा व्यास भारद्वाज ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा।
भागवत में सुरेंद्र पाठक,विनोद पाठक,पुष्पेंद्र पाठक,ओम पाठक,शास्वत पाठक, सत्य प्रकाश पाठक, वागीश पाठक,राजीव पाठक,मदन लाल मौर्य, सुबोध पाठक,मुन्नी देवी,चन्द्र पाल शर्मा,भुवनेश मिश्रा,सोनू,मोनू,प्रेम पाल शर्मा सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित थे।
रिपोर्टर अनुज रस्तोगी कुंवर गांव