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जिला कारागार बदायूं में आज कर्नल पंतजलि शर्मा को समर्पित एक संग्रह का विमोचन जिला कारागार अधीक्षक विनय कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुआ | कर्नल पंतजलि शर्मा के पुत्र ऋषि कुमार शर्मा ने यह संग्रह अपने पिता की स्मृति को समर्पित किया है कर्नल पंतजलि शर्मा ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी अपनी भागीदारी की थी | वे बदायूं के गुराई के निवासी थे |
कार्यक्रम का शुभारंभ ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार की सरस्वती वंदना से शुरू हुआ |
उसके बाद दिल्ली से पधारे ऋषि कुमार शर्मा ने पढ़ा …
बीबी सूखी वरफी जैसी साली कलाकंद सी
ना सुगंध हो कम कभी ना मिठास हो मंद |
बदायूं के साहित्यकार विनोद कुमार बिन्नी ने कहा
अजब रिश्तों के माने हो गये है
जो अपने थे बेगाने हो गये है
भारत शर्मा ने कहा –
आप मंसूरी दून तलाशे
हम जाड़े में ऊन तलाशें
आप शहर में वाइन ढूंढे
हम जिस्मों में खून तलाशें
बदायूं के ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने प्रभु श्री राम के लिए मुक्तक पढ़ें
राम ही सत्य है, राम ओंकार है।
जिंदगी का यही सिर्फ आधार है।
राम पूजा भी है राम है आस्था।
ओम् में राम है ओम साकार है।
बरेली से पधारी उन्नति शर्मा ने कहा..
बोलो ना क्या करते हो जब याद मेरी आ जाती है
नयनों के आगे एक धूमिल छवि कोई छा जाती है
सतीश दीक्षित नोएडा से पधारे उन्होंने कहा —
वीर तिरंगे के सम्मान में लिखकर कहानी चले गए
मां भारती के लिए अपने रक्त की बढ़ाकर रवानी चले गए
साहित्य चंचल ने पढ़ा …
सुख कहीं बिकता नहीं वह प्रेम का आधार है
दुःख जिसको जो मिला अविवेक का प्रहार है
सत्कर्म में मन रत रहे हर घड़ी त्यौहार है
मुम्बई से पधारे हरीश शर्मा यमदूत ने कहा …
इंसान तो अब अश्लील नृत्य गानों में मग्न है
ऐसे में इन भूतो के सिवा कराता कौन कवि सम्मेलन है
राजीव गोस्वामी ने पढ़ा….
ऐसी पत्नी ना तो डरेगी पति से ना ही झगड़ा उधार लेगी
चार सादियो की जरूरत क्या तुम्हें एक ही सुधार देगी |
दिल्ली से पधारी गीता शर्मा ने पढ़ा…
जंग हम से मत करो हम हिन्द पर मर जायेंगे
बात सुनकर तुम डरो यहां जान भी कुर्बान है
कार्यक्रम का संचालन कमलकांत शर्मा ने किया | कार्यक्रम में संस्कृत भारती के जिला संयोजक प्रदीप दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किए|
सभी कवियों का सम्मान जेलर कुंवर रणंजय सिंह ने किया |
कार्यक्रम में डां फुरकान, गोपाल सिंह,कमल चंद्र, सुरेश पाल, अनिकेत कुमार, कृष्ण गोपाल शर्मा आदि जिला कारागार प्रशासन का विशेष सहयोग रहा |