गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं की ओर से प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल के निर्देशन में सुभाष चंद्र बोस जी की 127वीं जयंती मनाई गई।सुभाष चंद्र बोस जयंती के अवसर पर स्वयं सेविका एवं प्रवक्ताओं द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए गए।इस अवसर पर प्राचार्या महोदया ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका पूरा जीवन ही साहस व पराक्रम का उदाहरण है, उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया, जिनके आह्वान पर हजारों लोग आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ डॉक्टर सरल चक्रवर्ती ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस दो महान हस्तियों से प्रेरित थे। एक हैं स्वामी विवेकानन्द , और दूसरे व्यक्ति थे स्वतंत्रता सेनानी देशबन्धु चितरंजन दास। उनके प्रसिद्ध नारे “दिल्ली चलो” और ‘तुम मुझे खून दो, मै तुम्हे आज़ादी दूंगा’ थे। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ इति अधिकारी ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए अहम भूमिका निभाई थी। उनका पूरा जीवन ही साहस व पराक्रम से भरा रहा। इस अवसर पर महाविद्यालय की ओर से डॉ सोनी मौर्य ,डॉ वंदना वर्मा, डॉ प्रीति, डॉ निशा,डॉ शालू आदि सभी उपस्थित रहें ।