10:36 am Friday , 31 January 2025
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राम काजु कीजै बिनु,मोहि कहां विश्रामु* *सचिन शर्मा

आज सहसवान के मोहल्ला शहवाजपुर श्री बाँकेबिहारी जी मंदिर
में सभी सनातनी भाईयों, बहनों और बच्चों के सहयोग से “श्री राम रथ जन जागरण यात्रा” का आयोजन किया गया। इस सर्दी के मौसम में भी रामभक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। सभी ने इस राम काज में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
सभी सनातनी रामभक्तों एवम् सहसवान शहवाजपुर के धार्मिक संगठनों का हृदय से धन्यवाद।
अयोध्या परम धाम में नव्य, भव्य एवं दिव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की मृगशीर्ष नक्षत्र में सोमवार पौष माह के शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि तदनुसार 22 जनवरी 2024 के कार्यक्रम से जुड़ने के लिए अक्षत वितरण द्वारा जन जागरण अभियान तथा सभी हिंदुओं को इस प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में स्वस्थान से सम्मिलित होने और अवध में भगवान श्रीराम की वापसी पर 22 जनवरी को दीपावली का उत्सव मनाने के लिए आमंत्रित करने के अभियान में घर घर में अपेक्षा से कहीं अधिक उत्साह, श्रद्धा एवं श्रीराम के प्रति गहरी आस्था देखने को मिली। जिस प्रकार श्रद्धापूर्वक सपरिवार पति-पत्नी और बालकों ने अक्षत को स्वीकार किया, वह भाव विह्वल करने वाला था। श्रीरामचरितमानस के ज्ञान का भंडार भी जन जन में देखने को मिला और हर घर में मंदिर होने से अपार प्रसन्नता मिली। भगवान श्रीराम और जनमानस के श्रद्धेय और पूज्य महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में वर्णित भगवान श्रीराम की लंकापति रावण के वध तथा विजय के पश्चात अयोध्या वापसी का वर्णन भी अलौकिक एवं दिव्य है और उसका साक्षात् आंखों देखा प्रकटीकरण है।

महर्षि वाल्मीकि सतयुग त्रेता और द्वापर तीनों के दृष्टा थे भगवान श्रीराम जब उनसे मिलने उनके आश्रम पर गए थे तब उन्होंने कहा-

तुम त्रिकालदर्शी मुनि नाथा। विश्व बदर जिमि तुम्हरे हाथा।।

महर्षि वाल्मीकि ने ब्रह्मा जी की प्रेरणा और आशीर्वाद से राम के चरित्र की रामायण के रूप में संस्कृत में रचना की वह का संसार का प्रथम महाकाव्य बना।

R. ,,