मेरा मज़हब इस्लाम किसी भी दूसरे मज़हब की बुराई करने से न सिर्फ रोकता है बल्कि सभी मज़हबों की इज़्ज़त करना भी सिखाता है और एक मुस्लमान होने के नाते हर धर्म की इज्जत करना मेरा पहला कर्तव्य है,
अपने इस इबादतगाह के लिए हिंदू समाज ने बहुत कुर्बानियां दी हैं सीने पर गोलियां खाईं हैं, न जाने कितनी स्त्रियों की माँगे सिन्दूर से वंचित हो गयीं, कितनी बहनों के उन भाइयों ने अपने प्राणों की आहुति देदी जिनकी कलाईयों पर वो रक्षासूत्र बाँधा करती थीं, कितनी माँओं ने अपनी कोख के लाल न्योछावर कर दिए, जीवित शरीरों पर रेत की बोरीयाँ बांधकर सरयू में बहाने के कुत्सित प्रयत्न किये गए,
राजा राम जी का यह अलौकिक मंदिर राजनीत का नहीं बल्कि दुनियाभर के हिंदुओं की आस्था और भावनाओं का केंद्र है इसी संदर्भ में अयोध्या में बन रहे श्री राम के भव्य मंदिर का मैं तहे दिल से इस्तक़बाल करता हूँ और अपने हिंदू भाइयों के खंडित स्वाभिमान की पुनर्स्थापना पर उन्हें मुबारक़बाद पेश करता हूँ …
सलमान सिद्दीक़ी
(एडवोकेट)