10:13 am Friday , 31 January 2025
BREAKING NEWS

कोई भी गलत कार्य करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए

कोई भी गलत कार्य करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए

रायपुर बुजुर्ग में भागवत कथा का तीसरा दिन

बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव रायपुर बुजुर्ग के काली मंदिर के निकट चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक जितेंद्रदास विश्वामित्र ने श्रवण कुमार की कथा सुनाते हुए कहा कि कोई गलत कार्य करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर चारधाम की यात्रा कराने निकले थे। माता-पिता के प्रति लगाव और स्नेह के आगे श्रवण को कांवड़ का भार जरा भी महसूस नहीं हुआ। जब अयोध्या के जंगलों में पहुंचते ही माता-पिता को प्यास लगी तो श्रवण कांवड़ को रखकर सरयू नदी से पानी लाने चले गए। उस समय अयोध्या के राजा दशरथ शिकार पर निकले हुए थे। जब श्रवण कुमार नदी से जल लेने लगे तो उनकी आहट सुनकर राजा दशरथ को लगा कि नदी के किनारे पर कोई हिरन है और उन्होंने तीर चला दिया। तीर सीधे जाकर श्रवण के हृदय में लगा। तलाश करने के बाद उन्हें श्रवण कुमार नदी के किनारे मरणासन्न अवस्था में मिले। जिसके बाद श्रवण कुमार के माता-पिता फूट फूटकर रोने लगे। राजा दशरथ अपने इस कृत्य के लिए क्षमा मांगने लगे। तब श्रवण कुमार के दुखी पिता ने राजा दशरथ को शाप दिया कि जिस तरह मैं पुत्र वियोग से मर जाऊंगा, राजन तुम भी वैसे ही पुत्र वियोग में तड़पोगे। यह कहकर श्रवण के माता-पिता ने तत्काल अपने शरीर को त्याग दिया। कथावाचक ने कहा कि भगवान राम का राज्याभिषेक से पहले वन गमन इसी श्राप से जुड़ा था। इसलिए व्यक्ति को कोई गलत कृत्य करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए। कथा श्रवण करने वालों में धर्मेंद्र तोमर, अरुण कुमार सिंह, ब्रजेश सिंह, जयवीर सिंह, राहुल कुमार, विक्की सिंह, ऋषिपाल सोंलकी, वंदना सिंह, प्रिंयका कुमारी, सरोज देवी, संध्या आदि मौजूद रहे।