श्रीराम लला प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी के उपलक्ष में शक्ति टैन्ट हाउस पर 18/01/2024 को भगवान श्रीराम संदर्भित काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में उपस्थित कवियों द्वारा भगवान श्रीराम को समर्पित रचनायें पढ़ी गयीं, इस दौरान पूरा वातावरण राममय हो गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि महेश मित्र ने की।
गोष्ठी का शुभारंभ माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर किया गया। सर्वप्रथम ललित कुमार ललित द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी। इसके उपरांत महेश मित्र ने पढ़ा जब तक साँस चलेगी मेरी कविता तुम्हें सुनाऊंगा ,
जब तक सांँस चलेगी मेरी राम नाम गुण गाऊंँगा ।
कार्यक्रम के संयोजक अशोक खुराना ने पढ़ा-
राम नाम यूँ तो जपें, सब अपने अनुसार।
लेकिन जो मन से जपे, उसका बेड़ा पार।।
चंद्रपाल सिंह सरल ने पढ़ा –
ख़ास है या कोई शख्सियत आम है,
सबकी मंज़िल है इक, एक आयाम है।
है ये मुमकिन कि मतभेद भी हों, मगर,
हर ह्रदय में तो बस राम ही राम है।
दातागंज से आये मनीष प्रेम ने पढ़ा –
राम से राममय हो रहा है जगत,
त्रेता युग का कलयुग में है आगमन।
अरविंद धवल ने पढ़ा-
अवध में राम आए हैं,बधाई है बधाई हैं ।
प्रतीक्षा हो गई सदियों की तब ये बेला आई है।।
शैलेंद्र मिश्रा देव ने पढ़ा-
राम करतार हैं राम भरतार हैं ,
राम जीवन सकल राम संसार हैं।
भूराज सिंह राजलायर ने पढ़ा-
पितृ सम्मान में राजपद छोड़ दें ऐसा आदर्श कृतित्व है राम का। देखते ही जिन्हें काम दम तोड़ दे ऐसा आदर्श व्यक्तित्व है राम का।
उज्जवल वशिष्ठ ने पढ़ा –
गली गली में रावण फिरते जीना है दुश्वार
आज जरूरत है कलयुग में प्रभु लीजे अवतार।
इनके अतिरिक्त सुरेन्द्र नाज़ व शैलेन्द्र, मिश्रा देव व ललितेश कुमार ललित ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम का संचालन मनीष प्रेम ने किया।