बुरी सोच व्यक्ति को हमेशा कष्टदायी साबित होती है
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव दबिहारी में चल रही भगवान बौद्ध की पांच दिवसीय कथा बीती रविवार की शाम संपन्न हो गई। अंतिम दिन कथावाचक रामनिवास शाक्य ने कथा सुनाते हुए कहा कि हम जो कुछ भी हैं वह हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है। यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है। यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह खुशी उसका साथ कभी नहीं छोड़ती। उन्होने कहा कि सब अस्तित्व क्षणिक मात्र होते हैं। अतः प्राणियों में तथा इंसानों में अजन्म, अचल, अपरिवर्तनशील, अमर आत्मा नहीं होती। हर अस्तित्व में कोई स्वाभाविक शक्ति होती है, जो अपने जैसे ही एक अस्तित्व को जन्म देती है। इस तरह कोई भी अस्तित्व क्षणिक होने के बावजूद अपने परिणाम के रूप में बना रहता है। पूरी तरह से स्थायी और पूरी तरह से उच्छेद के बीच का यह मध्यम मार्ग है । हर अस्तित्व कारण के रूप में क्षण भर टिकने के बाद परिणाम के रूप में बना रहता है। कारण-परिणाम की यह श्रृंखला अनादि है और अनंत भी है। कथा में डा.आबेडकर के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। अंत खीर का प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर रामौतार सिंह, गजेंद्र सिंह, मुन्नालाल, राजाराम, द्रवारिका प्रसाद, भगवान सिंह, शैलेंश कुमार, सुखवीर शाक्य, शिशुपाल आदि मौजूद रहे।