3:38 pm Friday , 31 January 2025
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प्राणी मात्र से प्रेम तथा परोपकार करना सिखाता है पर्व : आचार्य संजीव

मकर संक्रांति पर्व
प्राणी मात्र से प्रेम तथा परोपकार करना सिखाता है पर्व : आचार्य संजीव
( खिचड़ी भोज का हुआ आयोजन)
बिल्सी, तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ ग्राम गुधनी में स्थित आर्य समाज मंदिर में आज मकर संक्रांति का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ! इस अवसर पर विशेष यज्ञ किया गया तथा खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया! आर्य समाज के अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने बताया संक्रांति 12 होती हैं, चूँकि राशियाँ 12 होती हैं! सूर्य वृश्चिक राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति ती है! इस दिन सूर्य भी उत्तरायण हो जाते हैं , इस प्राकृतिक घटना से हमें यह संदेश लेना है .कि जैसे सूर्य उत्तरायण होने पर दिन बड़े होते हैंऔर सुखद होते हैं, इस तरह हमारे जीवन का उत्तरायण तब होता है हम सत्कर्मों का संकल्प लेते हैं, प्राणी मात्र से प्रेम, परोपकार, सद्ज्ञान को अपने जीवन काअंग बनकर जीवन जीते हैं! ऐसे अवसर पर हमें गरीबों मजबूरों को गर्म वस्त्र भी बांटने चाहिए और सबके साथ मिलकर खिचड़ी भोज करना चाहिए कि जिससे हमारे अंदर छोटे-बड़े की भावना ना रहे , सब भगवान की बनाई हुई संतान है सब अपने हैं कोई पराया नहीं इस भावना के साथ हम मिलकर के रहे,! इस अवसर पर खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ो लोगों ने भाग लिया ! कु तृप्ति शास्त्री ने यज्ञ कराया तथा आर्य संस्कार शाला के बच्चों ने वेद पाठ किया! कार्यक्रम में राकेश , विचित्रपाल , विश्वजीत पाल, प्रश्रय आर्य, बद्री प्रसाद आर्य, अनिल कुमार उपाध्याय, मास्टर साहब सिंह, अवनेश कुमार सिंह, पंजाब सिंह, विनीत कुमार , श्रीमती ज्योति , श्रीमती संतोष कुमारी आदि मौजूद रहे