बारिश और धूप.. दोनों के मिलने से ही इंद्रधनुष बनते हैं.. इसलिए..खूबसूरत ज़िन्दगी के लिए सुख और दुःख दोनों ही जरूरी है! जिंदगी कुछ भी नहीं.. बस उम्मीदों का बसेरा है.. कभी पूर्णिमा की चाँदनी है.. तो कभी अमावस का अंधेरा है! Sadhvi deva Ťhakur