बुराई से बुराई खत्म नहीं होती है,प्रेम से ही खत्म होती है
बिल्सी के दबिहारी गांव में बौध्द कथा का दूसरा दिन
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव दबिहारी में चल रही भगवान बौद्ध की पांच दिवसीय कथा के दूसरे दिन इटावा से पधारे कथावाचक रामनिवास शाक्य ने यहां सबसे पहले बुध्द वंदना की। उसके बाद कथा सुनाते हुए कहा कि बौध्द धर्म को दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। जिसकी स्थापना भगवान बुद्ध ने की थी। उन्होने भगवान बुध्द के उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बुराई से बुराई खत्म नहीं होती है, बुराई को प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है। सत्य की राह पर चलने वाला मनुष्य दो ही गलतियां कर सकता है, या तो पूरा रास्ता तय नहीं करता या फिर शुरुआत ही नहीं करता। गुस्सा होने का मतलब जलता हुआ कोयला दूसरे पर फेंकना, जो पहले स्वयं के हाथों को ही जलाता है। उन्होने कहा कि एक दीपक से हजारों दीपक जल सकते हैं, फिर भी दीपक की रोशनी कम नहीं होती। इस तरह किसी की बुराई से आपकी अच्छाई कम नहीं हो सकती। जीवन में खुशियां बांटने से बढ़ती हैं। इसलिए मनुष्य को हमेशा खुश रहना चाहिए और दूसरों को भी खुशियां देनी चाहिए। कथावाचक ने सिध्दार्थ की शादी का प्रसंग भी पेश किया। इस मौके पर रामौतार सिंह, गजेंद्र सिंह, मुन्नालाल, राजाराम, द्रवारिका प्रसाद, भगवान सिंह, शैलेंश कुमार, प्रदीप कुमार, रतीभान सिंह, सुखवीर शाक्य, शीशपाल आदि मौजूद रहे।