1:28 pm Friday , 31 January 2025
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मनुष्य को क्रोध की सजा नहीं,बल्कि क्रोध से सजा मिलती है

मनुष्य को क्रोध की सजा नहीं,बल्कि क्रोध से सजा मिलती है

बिल्सी के दबिहारी में शुरु हुई भगवान बौध्द का कथा

बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव दबिहारी में आज बुधवार से भगवान बौद्ध की पांच दिवसीय कथा का शुभांरभ विधायक हरीश शाक्य ने फीता काट कर किया गया। यहां इटावा से पधारे कथावाचक रामनिवास शाक्य ने कहा कि बौध्द धर्म को दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। भगवान बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी। भारत समेत कई देशों में बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं। बौद्ध धर्म भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और जीवन के अनुभवों पर आधारित है। बुद्ध का असली नाम सिद्धार्थ गौतम था। महान गौतम बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा, करुणा और शांति से जुड़े उपदेश दिए हैं। उन्होने भगवान बुध्द के उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में अगर शांति और खुशी चाहिए, तो मनुष्य को भूतकाल और भविष्य काल में नहीं उलझना चाहिए। मनुष्य को क्रोध की सजा नहीं मिलती, बल्कि क्रोध से सजा मिलती है। हजारों लड़ाइयों के बाद भी मनुष्य तब तक नहीं जीत सकता, जब तक वह अपने ऊपर विजय प्राप्त नहीं कर लेता है। सूर्य, चंद्र और सत्य…ये तीन चीजें कभी नहीं छिप सकती। मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से अधिक अपनी यात्रा पर ध्यान देना चाहिए। इस मौके पर रामौतार सिंह, गजेंद्र सिंह, मुन्नालाल, राजाराम, द्रवारिका प्रसाद, भगवान सिंह, शैलेंश कुमार, प्रदीप कुमार, रतीभान सिंह, सुखवीर शाक्य, शीशपाल आदि मौजूद रहे।