उझानी बदायूं 23 दिसंबर। एपीएम पीजी कालेज में सेठ अयोध्या प्रसाद जी अग्रवाल जिनके नाम पर उनके पुत्र विष्णु भगवान अग्रवाल जी ने अयोध्या प्रसाद मेमोरियल (पी.जी.) कालेज, उझानी की स्थापना करायी उनकी स्मृति में आज महाविद्यालय में सेठ अयोध्य प्रसाद अग्रवाल जी की 115वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष विष्णु भगवान अग्रवाल के द्वारा स्वर्गीय सेठ अयोध्या प्रसाद अग्रवाल जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवित करके एवं चित्र के समक्ष माल्यार्पण करके किया गया।
पुष्पांजलि अर्पित कार्यक्रम में महाविद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य डा. हरिओम गुप्ता, डा. उमेश चंद्र शर्मा,महाविद्यालय के निदेशक डा एम.एस.ए. अग्रवाल , प्राचार्य डा प्रशांत वशिष्ठ, डा शिल्पी पाण्डेय, श्रीमती आदर्शकान्ता, डा शुचि गुप्ता, डा त्रिवेन्द्र सिंह, डा जितेन्द्र सिंह राणा, उपप्राचार्य श्री शिशुपाल सिंह, सौरभ शुक्ला, दौलतराम, गौरव माहेश्वरी, शैलेष गुप्ता, प्रवीन सक्सेना, सुधीर चौहान, सुधांशु सक्सेना, राजवीर, श्रीमती शशिवाला, टिंकू, राजकुमार आदि समस्त स्टॉफ उपस्थित रहा।
इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं ने अपनी मधुर आवाज में प्रभु के भजनों की प्रस्तुति दी। बी.कॉम. पंचम सेमेस्टर के छात्र दिव्यांश अग्रवाल ने अच्युतम केशवम, बीएड द्वितीय वर्ष की छात्रा कु. हेमा शर्मा ने कान्हा की दीवानी, एम.ए. की छात्रा कु. मीनाक्षी शाक्य ने काली कमली वाला मोहन, सजल सक्सेना ने मेरी चौखट पर चल के आज, छात्रा उरूज अंसारी ने मैया यशोदा ये तेरा कन्हैया , छात्रा दीपमाला सक्सेना ने पर्दे में बैठे बैठे भजनों के द्वारा सभी को भक्ति रस में बांध दिया।
महाविद्यालय के सचिव रामप्रकाश शर्मा ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि स्व. अयोध्या प्रसाद एक उदारवादी व्यक्ति थे। उन्होनें अपने परिश्रम के द्वारा समाज में महत्वपूर्ण स्थान पाया आज उनका नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है।
महाविद्यालय के निदेशक ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज स्व. सेठ अयोध्या प्रसाद जी की 115वीं जयन्ती को मनाते हुए हमें उनकी विचारधारा और उनकी सादगी से प्रेरणा लेनी चाहिए। जो हमें उन्नति के मार्ग को प्राप्त करने में प्रेरणादायक है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डा प्रशांत वशिष्ठ ने कहा कि जिस प्रकार सेठ अयोध्या प्रसाद एक श्रेष्ठ व उदारवादी व्यक्ति थे उसी प्रकार हमें उनके समान ही अच्छे विचारों को अपने जीवन में ग्रहण करना चाहिये। भजन प्रतियोगिता के विजेताओ को विश्नू भगवान अग्रवाल द्वारा सम्मानित किया गया।
राजेश वार्ष्णेय एमके