म्याऊं। ईश्वर की प्राप्ति के लिए निर्मल मन की आवश्यकता-स्वामी रामचंद्राचार्य जी महाराज।
उसावा थाना क्षेत्र के गांव नवीगंज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में कथा व्यास पुष्कर पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामचंद्राचार्य जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा व्यक्ति के जीवन को सुधारती है। वराह अवतार की कथा सुनाते हुए महाराज जी ने कहा भगवान को किसी रूप किसी लोक और ना ही किसी वर्ण से बांधा जा सकता है भगवान के अनेक रूप हैं भगवान सभी लोको में निवास करते हैं और भगवान गौर वर्ण , श्याम वर्ण और पीत वर्ण के भी हैं जीव की असली यात्रा भगवान की प्राप्ति है प्रत्येक यात्री को साथी की आवश्यकता होती है चाहे वह भौतिक यात्रा हो चाहे सामाजिक यात्रा हो चाहे परम ब्रह्म परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग हो सभी के लिए व्यक्ति को साथी की आवश्यकता होती है भगवान की गुलामी करने वाला व्यक्ति अवश्य ईश्वर की प्राप्ति करता है भगवान की गुलामी ही एक मुक्ति का मार्ग है इस अवसर पर स्वामी मधुसूदनाचार्य जी महाराज आचार्य रजनीश आचार्य हरिओम मिश्रा विनोद सिंह चौहान योगेंद्र सिंह चौहान राजपाल सिंह चौहान केशव चौहान अंकित चौहान अभिजीत चौहान उदित प्रताप सिंह अभ्युदय चौहान आदि भक्तजन उपस्थित रहे ।
कुलदीप सिंह म्याऊं