जनपद बदायूं सूफी सन्तों की सरजमीं है, भगवान बुद्ध भी यहां कुछ दिन रहे थे, इतिहास साक्षी है इस बात का, शकील बदायूंनी ने भी बदायूं का नाम पूरे हिन्दुस्तान मे रौशन किया, आजादी के बाद से बदायूं फिर भी कहीं न कहीं अपने अस्तित्व को खोजता रहा, एक उम्मीद की किरण बनकर बदायूँ की राजनीति में 2009 में एक महान शख्सियत का आगमन हुआ, धर्मेन्द्र यादव एक ऐसा नाम जिन्होने न सिर्फ बदायूँ की जनता को अपना परिवार समझा बल्कि उसकी तरक्की के लिए जी तोड प्रयास किये जो आज भी निरन्तर जारी हैं, यहां की जनता को हर मूलभूत सुविधायें मुहैया कराईं, शिक्षा के क्षेत्र मे बहुत पिछडा हुआ जनपद था बदायूँ, समाजवादी सरकार में उन्होने तमाम #राजकीय_इन्टरकाॅलेज, #डिग्री_काॅलेज, #आईटीआई_काॅलेज खुलवाये, स्वास्थ्य के लिहाज से #राजकीय_मेडीकल_काॅलेज_बदायूँ को दिया है, जाम की समस्या से निजात पाने के लिए #ओबरब्रिज दिया, बदायूँ के चारों तरफ सडकों का जाल बिछा दिया, दूर से आने वालों के लिए #ब्राडगेज_रेलवे_लाइन का प्रस्ताव कराया, विद्युत की समस्या को पूरी तरह खत्म कर हर गाँव मे बिजली पहुंचाई, और भी अनगिनत काम किये हैं, जनता के हर दुःख मुसीबत मे वो सदैव कवच बनकर उपलब्ध रहते हैं, यहां की जनता उनको अपना रहनुमा कहती है, अगर आप यहां के निवासी हैं तो हमारा और आपका कर्तव्य अधिक बन जाता है कि ऐसे महान व्यक्तित्व, कोहिनूर हीरे का सदैव साथ दें, सुरक्षित रखें ! तो आईये हम और आप सब मिलकर पूर्व सांसद , यकीन मानिए आप एक बार मिलकर देखिए आप सब कुछ भूलकर इन्ही के हो जायेंगे, आपके मान और सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए आपका सदैव पूरा ख्याल रखा जायेगा। याकूब सैफी