राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 43300 वादों का निस्तारण
132 पारिवारिक विवादों का निस्तारण, पति-पत्नी ने फूल माला पहनाकर किया जीवन भर साथ रहने का वादा
33 मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाओं का निस्तारण कर पीड़ितों को दिलायी 1,84,76000/- रूपये की क्षतिपूर्ति
माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बदायूं के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बदायूँ द्वारा आज दिनांक 09.12.2023 को जनपद बदायूँ में समय पूर्वान्ह 10:00 बजे से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं श्री पंकज कुमार अग्रवाल द्वारा जनपद के दीवानी न्यायालय परिसर में स्थित केन्द्रीय सभागार में मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलित व माल्यार्पण कर किया गया। जिसमें श्रीमान प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, बदायूं तथा अन्य समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण, समस्त बैंक के अधिकारीगण, जिला बार एसोशिएसन के अध्यक्ष, श्री होतेलाल मौर्य, एवं न्यायिक कर्मचारीगण, पराविधिक स्वयंसेवकगण आदि उपस्थित रहे। इसके उपरान्त एल०डी०एम० श्री रीकेश रंजन द्वारा माननीय जनपद न्यायाधीश को एवं भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी द्वारा श्रीमान प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय व अन्य अधिकारीगण को सम्मान स्वरूप पौधे भेंट किये गये।
श्री पंकज कुमार अग्रवाल, जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा इस अवसर पर विचार व्यक्त किया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को राष्ट्रीय लोक कल्याणकारी दिवस के रूप में आयोजित किया जाना चाहिए। इसी कम में समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण द्वारा अपने व्यक्तिगत कोष से समाज के वंचित वर्ग/अभाव में जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्तियों को कम्बल वितरित किये गये।
श्रीमती सारिका गोयल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा कार्यकम का संचालन करते हुये सर्वप्रथम श्री सौरभ सक्सेना, नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत/अपर विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट, न्यायालय सं०-3, बदायूं को आमन्त्रण आग्रह किया गया। श्री सौरभ सक्सेना द्वारा अपने वक्तव्य में लोक अदालत के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि यह एक ऐसा अवसर होता है जहां पर गरीब से गरीब व्यक्ति आपसी समझौते के आधार पर सस्ता एवं सुलभ न्याय प्राप्त कर सकता है। इसके उपरान्त श्री होते लाल मौर्य, अध्यक्ष जिला बार एसोशिएशन, बदायूं द्वारा कहा कि बार एसोशिएशन द्वारा हमेशा लोक अदालत का सहयोग किया गया है और यह सहयोग हमेशा मिलता रहेगा। इसके उपरान्त श्री उदय भान सिंह, विशेष न्यायाधीश, एस.सी/एस.टी, पी०ए० एक्ट, बदायूं द्वारा अपने वक्तव्य में लोक अदालत में अधिकाधिक वादों के निस्तारण किये जाने की अपील की गयी। इसी कम में श्री सुनीत चन्द्र, प्रथम अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश, बदायूं द्वारा लोक अदालत के प्रति जन-जागरण अधिकाधिक किये जाने की अपील की गयी ताकि अधिकाधिक संख्या में आम जन को इसका लाभ मिल सके।
उक्तानुकम में श्री सत्यप्रकाश प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, बदायूं द्वारा अपने वक्तव्य में पारिवारिक विवादों हेतु काउन्सलर एवं मध्यस्थ अधिवक्तागण की सराहना कर उनके
कार्यों के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया एवं लोक अदालत के माध्यम से आपसी समझौते के आधार पर विवादों को अधिकाधिक निस्तारण कराये जाने हेतु पक्षकारों से अपील की गयी।
श्री पंकज कुमार अग्रवाल, जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा अपने वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक पर्व है जहां पर पक्षकार अपने-अपने हितों के अनुरूप आपसी समझौते के आधार पर सस्ता एवं सुलभ न्याय प्राप्त कर सकते है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा बैंक अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों को धन्यवाद करते हुये कहा कि आम जन अपने बैंक विवादों को आपसी समझौते के आधार पर निस्तारित करा सकते हैं। इसी कम में समस्त न्यायिक अधिकारीगण का धन्यवाद कर कहा कि उनके द्वारा व्यक्तिगत कोष से गरीबों को कम्बल वितरित किये जाने से राष्ट्रीय लोक अदालत का यह पर्व राष्ट्रीय लोक कल्याणकारी दिवस के रूप में भी आयोजित हो रहा है।
श्रीमती सारिका गोयल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के विषय में जानकारी देते हुये बताया कि आम-जन न्यायालय में लम्बित विवादों जैसे आपराधिक शमनीय वाद, एन०आई० एक्ट-अन्तर्गत धारा 138, मोटर दुर्घटना सम्बन्धित वाद, वैवाहिक / पारिवारिक विवाद, श्रम सम्बन्धी वाद, भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी वाद, किरायेदारी, ट्रेफिक चालान, राजस्व वाद, विद्युत बिल आदि विवादों का निस्तारण इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से करवा सकते है। इसी कम में उनके द्वारा सभी को राष्ट्रीय लोक अदालत सफल बनाये जाने हेतु अपना-अपना सहयोग दिये जाने की अपील की गयी।
राष्ट्रीय लोक अदालत में श्री सत्य प्रकाश, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, बदायूं एवं श्री परशुराम, अपर प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, बदायूं द्वारा अपने-अपने न्यायालयों में आपसी समझौते के आधार पर 132 पारिवारिक विवादों का निस्तारण किया गया। इस अवसर पर पति-पत्नी द्वारा आपस में फूल-माला पहनाकर अपने सम्बन्धों को जीवन-पर्यनत खुशहाल रहने का एक-दूसरे से वादा किया।
श्रीमती मचला अग्रवाल, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, बदायूं द्वारा कुल 33 मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाओं का निस्तारण कर अंकन 1,84,76000/- रूपये की धनराशि पीड़ितों को बतौर क्षतिपूर्ति दिलायी गयी।
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन से सम्बन्धित वादों में विभिन्न बैंकों के 1063 मामले, भारत संचार निगम लि0 के 29 मामले, स्थानीय निकाय के 618 मामले, राजस्व सम्बन्धित 368 मामले एवं अन्य प्रकार के 31469 मामले थे। इस प्रकार कुल 33547 प्री-लिटिगेशन मामलों का एवं न्यायालयों में लम्बित फौजदारी एवं सिविल वादों में 9753 वादों का निस्तारण हुआ।
इस प्रकार उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 43300 वादों का निस्तारण हुआ।
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायालय बदायूँ के समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण, जिला सिविल बार ऐसोशिएशन एवं जिला बार एसोशिएशन के विद्वान अधिवक्तागण, सभी सम्बन्धित बैंक के अधिकारीगण, कर्मचारीगण, स्वयंसेवीगण, उपस्थित हुये।
सभी के समेकित प्रयासों से उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाया जा सका है।