1:34 pm Friday , 31 January 2025
BREAKING NEWS

निकाह को आसान करें जि़ना को मुश्किल बनाएं

निकाह को आसान करें जि़ना को मुश्किल बनाएं*

निकाह सुन्नत के मुताबिक़ करें। और ग़लत रस्मो रिवाज के खा़त्मे के सिलसिले में *अमन कमेटी ककराला* का इजलासे आ़म।

ककराला । मुसलमानो के समाजो मुआशरे में शादी विवाह के मौक़े पर बेशुमार खु़राफात रुसूमात और बिदआ़त ने जन्म ले रखा है, और मुसलमान इन ग़ैर शरई उमूर को इस तरह अंजाम देते हैं, गोया के वह किसी कानून के पाबंद ही नहीं हैं, हालांके मुसलमानो को अपना पूरा निज़ामे जिंदगी इस्लामी तालीमात के मुताबिक़ चलाना चाहिए, शादी विवाह के नाजायज़ और खिलाफे सुन्नत रुसुमात को ख़त्म करने के लिए ककराला में *अमन कमेटी* के नाम से एक तहरीक वजूद में आई, जिसका पहला इज्लासे आम नगर पालिका मैरिज हॉल में मौलाना सिद्दीक़ ख़ान की सदारत में मुनक्कि़द हुआ, इमाम जामा मस्जिद का़री मुक़द्दस अली ख़ान की तिलावत से आगाज़ हुआ, हाफ़िज़ रिज़वान ख़ान हम्दे बारी ताला और हाफिज़ आ़मिल ख़ान ने नाते रसूल मक़बूल पेश की। मुफ्ती मोहम्मद मिनहाज ख़ान, मुफ्ती फहीम अहमद सक़लैनी अज़हरी, हाफिज आतिफ ख़ान और डॉक्टर जियाउर रहमान ने खिता़ब करते हुए कौ़में मुस्लिम को इस्लामी तालीमात से रोशनास कराया, और बताया हमारी सबकी मुश्तरिका जि़म्मेदारी है के निकाह मसाजिद में मुनक्कि़द करें, वलीमें का पुर तकल्लुफ एहतिमाम करें, बे परदगी, फुजू़ल ख़र्ची, ग़लत रसुमात का खा़त्मा करें, और अपनी दौलत मकानों की तामीर और शादियों की बजाय मू्ल्को मिल्लत की तामीर और तालीम के फरोग़ में लगाएं।
हल्दी की रस्म, डीजे डांस, वीडियो ग्राफी, लड़के वालों का लड़की वालों के यहां जहेज़ उठाने के बहाने जाकर खाना खाना और रक़म लेना, सलाम ओ सलामी के वक्त़ पैसे लेना, चौथी में लड़की वालों का लड़के वालों को रक़म देना, बारात या दुल्हन की आमद पर आतिशबाजी़ करना बगैरह पर *अमन कमेटी* के सदर हाफ़िज़ रफी अहमद ख़ान (इमाम ईदगाह) ककराला ने पाबंदी नामा पढ़कर सुनाया। जिसकी ताईद तमाम अइम्मा ए मसाजिद,उलमा व हुफ्फाज़,सियासी व समाजी रहनुमा और मोअज्जि़जी़ने शहर ने की और सब ने पाबंदी पर अमल करने का अहद किया।।
निजा़मत के फराइज़ मुफ्ती अनवार अहमद ख़ान ने अंजाम दिए, इस मौक़े पर मौलाना इक़बाल ख़ान, हाजी शमसुल हसन खा़न, हाफिज आसिफ अली ख़ान (सूफी जी),हाफिज ज़मीर अहमद ख़ान, हामिद अली ख़ान राजपूत,मौलाना अफरोज हाजी साजिद अली ख़ान, मौलाना अख़लद खां वगैरा के अलावा उल्मा व हुफ्फाज़ सियासी व सामाजी और बाशिंदगाने ककराला ने कसीर तादाद में शिरकत की