सन्तों महात्माओं का सत्संग वह जल है जिसमें कौवा स्नान करके हंस बनके निकलता है- पंकज महाराज
दहगवां। देश के कोने-कोने तक ‘‘जयगुरुदेव नाम प्रभु का प्रचार करने वाले परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी एवं जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध, आध्यात्मिक-वैचारिक जनजागरण यात्रा के 104वें पड़ाव हेतु कल सायंकाल ग्राम अलहदादपुर धोबही पधारे। स्थानीय भाई-बहनों तथा बच्चों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर पूरे काफिले का पुष्प वर्षा तथा ढोल-नगाड़े के साथ भावपूर्ण स्वागत किया। आज यहाँ दिन के 12 बजे से सत्संग समारोह का आयोजन हुआ।
अपने सत्संग प्रवचन में संस्थाध्यक्ष ने कहा कि सन्तों महात्माओं का सत्संग वह जल है जिसमें कौवा स्नान करके हंस बनके निकलता है। सत्संग में किसी व्यक्ति विशेष या किसी की निन्दा आलोचना नहीं की जाती, बल्कि भगवान के भजन भक्ति का शौक पैदा किया जाता है। मानव शरीर की प्राप्ति परमात्मा का सबसे बड़ा वरदान है। यह चौरासी लाख योनियों में इसलिए सर्वश्रेष्ठ है कि इसमें प्रभु के पास जाने का रास्ता है।
जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के अध्यक्ष ने ‘‘पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ, पण्डित भया न कोय, ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पण्डित होय’’ को उद्धृत करते हुए कहा ढाई अक्षर का मतलब श आधा ब् और द है। वही नाम है जो उस प्रभु के देश से निरन्तर आ रहा है। जिसको सन्तों ने आकाशवाणी, अनदह वाणी, धुर की वाणी, वर्ड या लागस, ताओ कहकर याद किया। हे भाई-बहनों! जब आप सुरत शब्द (नाम योग) की साधना करेंगे तो सन्त सतगुरू की दया से दिव्य दृष्टि खुल जायेगी और आप प्रकाश के चौड़े मैदान में खड़े हो जायेंगे। दिव्य कान से आकाशवाणी को सुनकर आपका रोम-रोम पुलकित हो जायेगा और आपका मानव जीवन सफल हो जायेगा। उन्होंने अपने लगभग दो घण्टे के प्रवचन में भारत के सनातन अध्यात्मवाद की गहरी व्याख्या की और साधना का मार्ग भी बताया।
महाराज जी ने समाज में बढ़ती हुयी हिंसा, अपराध और शराब व अन्य नशों की बढ़ती हुयी प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि अशुद्ध खानपान के कारण समाज में हिंसा-अपराध व्याप्त है। अच्छे समाज के निर्माण में समाज के शुभचिंतकों के सहयोग की आवश्यकता है। सबसे पहले आप मानवतावादी बनें, एक-दूसरे की निःस्वार्थ भाव से सेवा करें, समाज में मिलजुल कर रहें। मांस-मछली, अण्डा जैसे अशुद्ध आहार का परित्याग करें, शराब व अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन छोड़े। जिस शराब के पीने से आँखों से माँ-बहन, बेटी की पहचान खत्म हो जाती है।
अपने सत्संग सम्बोधन के बीच उन्होंने वर्तमान में युवाओं के नशों की गिरफ्त में आते जाने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की और कहा कि ये बच्चे देश की धरोहर हैं। इन्हें सँजोना हमारा आपका कर्तव्य है। हमारी बुद्धिजीवियों, समाज सेवियों, धर्माचार्यों व सभी वर्ग के माता-पिता से अपील है कि अपने-अपने बच्चों में संस्कार लायें। संस्कार एम.ए.बी.ए. की डिग्री लेने से नहीं पड़ते हैं। संस्कार पड़ते हैं धर्माचरण से तथा महात्माओं के सत्संग वचनों से। इसलिये अपने बच्चों को भी सत्संग में लाया करें। उन्हें शाकाहारी बनायें और नशों से दूर रखें।
बाबा पंकज जी महाराज ने आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक जयगुरुदेव मन्दिर आगरा-दिल्ली बाईपास मथुरा में आयोजित होने वाले पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘‘दादा गुरु जी’’ के पावन वार्षिक भण्डारा मेला में भाग लेने का निमन्त्रण दिया और बताया यहां जयगुरुदेव नाम योग साधना मन्दिर बना है, जहां बुराईयां चढ़ती हैं। कार्यक्रम में शांति व सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा।
इस अवसर पर जयगुरुदेव संगत बदायूं के जिलाध्यक्ष उपदेश सिंह, जिला उपाध्यक्ष श्यामवीर, ब्लाक अध्यक्ष सुरेश पाल यादव, भूस्वामी हमबीर सिंह, लाखन मौर्य, रामदास, ब्रह्म प्रकाश, हरनेश यादव, वीरेश, सहयोगी संगत गाजीपुर के अध्यक्ष इन्द्रदेव यादव आदि उपस्थित रहे।
जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव हेतु ग्राम बड़ेरिया-बक्सर के लिये प्रस्थान कर गई। जहाँ आज दिन के 12 बजे से सत्संग समारोह आयोजित है।