182वे उर्स क़ादरी के दूसरे दिन देश विदेश से आए जायरीन का उमड़ा हुजूम
बदायूं 1दिसंबर। बानी खानकाह कादरिया कुतुब ज़मा हज़रत शाह ऐनुल हक अब्दुल मजीद कादरी बदायूंनी कूदस सरह के 182वे सालाना उर्स कादरी के दूसरे दिन के सारे कार्यक्रम जानशीन ताजदारे अहले सुन्नत,वारिस उलूम सैफुल्लाह अलमसलूल हज़रत शैख अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां कादरी दामत बरकातहम अल कुदसिया जेबे सज्जादा खानकाह आलिया कादरिया बदायूं शरीफ की जेरे निगरानी दरगाह आलिया कादरिया बदायूं शरीफ में अकीदत व एहतराम से संपन्न हुए।उर्स क़ादरी में मुल्क के मुख्तलिफ सूबों जायरीन, वाबस्तगान और अहले अकीदत बड़ी संख्या में शरीक हुए और अपनी अकीदत व मोहब्बत का खिराज पेश किया।
उर्स के दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह बाद नमाज़ फज्र खत्म कुरआन की मजलिस हुई।सुबह नौ बजे नात ओ मनाकिब की महफिल सजी।जिसका सिलसिला नमाजे जुमा तक जारी रहा।रवायत के मुताबिक तिलावत के बाद आला हज़रत ताजुल फहुल शाह अब्दुल कादिर क़ादरी बदायूंनी कुद्स सरह के दीवान मनकबत से हर महफिल का आगाज़ होता है इसलिए इस महफिल का आगाज़ भी दीवान मनकबत से हुआ।इसके बाद साहिबजादा ए गिरामी फाजिल उलूम इस्लामिया हज़रत मौलाना फ़ज़ले रसूल मोहम्मद अज़्जाम मियां क़ादरी ने शानदार कलाम पेश फरमाकर शुरुआत ही से महफिल में कैफ ओ सुरूर की रूह फूंक दी।देश के अलग अलग शहरों से आए शोअरा और नातख्वा हज़रात ने बेहतरीन कलम पेश किए।
आखिर में हुज़ूर साहिबे सज्जादा ने नसीहत आमोज़ गुफ्तगू से सभी जायरीन को शाद काम फरमाया।अपने फरमाया की ज़िक्र इलाही सब से बड़ी दौलत है ज़िक्र इलाही के बहुत से वसायल हैं मुसलमान यादे इलाही से अपने दिलो को हमेशा मुनव्वर रखें।
आस्ताना गौसिया बग़दाद से तशरीफ लाए मेहमाने खुसूसी शहजादा ए गौसुल आजम हजरत शेख पीर सय्यद अफीफ़ उद्दीन जीलानी साहब ने दरगाह ए क़ादरी में जुमे का खुत्बा इरशाद फरमाया और इमामत फरमाई।