।****** उझानी बदायूं 28 नवंबर।
कोतवाली क्षेत्र के गांव बसावनपुर में पंकज जी महाराज ने गुरु नाम की महिमा बताते हुये, सामाजिक समरसता का सन्देश देते हुये, चरित्रोत्थान की प्रेरणा जगाते हुये, अच्छे समाज के निर्माण का पुनीत संकल्प लेकर ‘जयगुरुदेव’ आश्रम मथुरा से 27 अगस्त को 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध, आध्यात्मिक-वैचारिक, जनजागरण यात्रा के साथ जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज जी महाराज कल सायंकाल अपनी यात्रा के 93वें पड़ाव पर अम्बियापुर ब्लाक के बसावनपुर गांव पधारे। स्थानीय भाई-बहनों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर फूल-मालाओं, कलशों, आतिशबाजी तथा गाजे-बाजे के साथ काफिले का भव्य स्वागत किया। आज यहाँ सत्संग समारोह का आयोजन हुआ।
अपना सत्संग सुनाते हुये पंकज जी महाराज ने कहा कि परमात्मा के वरदान स्वरूप हमको आपको यह मानव तन मिला है। यह देव दुर्लभ मानव तन है। देवता भी इस मनुष्य शरीर को पाने की याचना सदैव प्रभु से करते रहते हैं। इसी शरीर को किसी महात्मा ने उल्टा कुंआ की संज्ञा दी है। ‘‘उल्टा कुंआ गगन में तिसमें जरै चिराग। तिसमें जरै चिराग बिना रोगन बिन बाती। छः ऋतु बारह मास रहै जलतै दिन राती। इसी मानव तन में बिना तेल घी बाती का चिराग छः ऋतुओं और बारहों महीने तक जलता रहता है। उसका भेद बिना सन्तों महात्माओं के नहीं मिल सकता। आपकी रामायण में भी लिखा है। कि ‘‘परम प्रकाश रूप दिन राती, नहिं कछु चहिय दिया घृत बाती।’’ महात्मा समझाते हैं कि यदि आप उस चिराग का भेद जानना चाहते हैं तो किसी पूरे गुरु, सन्त सत्गुरु या फिर मुर्शिद कामिल की तलाशा करो। जिन्होंने अन्तरी साधना के द्वारा अपनी आत्मा को जगाकर परमात्मा का साक्षात्कार कर लिया हो। यह असंभव नहीं है। परमात्मा है, मरने के पहले मिलता है। मरने के बाद नहीं। इसके लिये भेदी गुरु का मिलना जरूरी है। ‘‘भेदी लीजै साथ करि, दीनी वस्तु लखाय। कोटि जनम का पंथ था, पल में पहुंचा जाय।’’ यह रास्ता शब्द का है। शब्द बिना सुरत आंधरी कहो कहां को जाय? राह न पावै मुक्ति का, पुनि-पुनि भटका खाय।’’ शब्द मार्गी गुरु हमको बताते हैं कि इसी मनुष्य शरीर में दोनों आंखो के मध्य भाग में प्रभु के पास जाने का एक दरवाजा है। सुमिरन, ध्यान, भजन के द्वारा ही उस दरवाजे के अन्दर प्रवेश संभव है। रास्ता सच्चा है करोगे तो आपको भी अनुभव होगा और जीते जी उसी अन्दरूनी आंख से भगवान राम के, कृष्ण के, हनुमान व शंकर के दर्शन किये जा सकते हैं जिन्होंने देखा उन्होंने लिख दिया कि ‘‘घट में राम निहारा साधो। घट में राम निहारा। यहि घट भीतर मथुरा नगरी, जहां कृष्ण अवतारा। अजी! घट में राम निहारा। साधो घट में राम निहारा’’। इसीलिये इस मनुष्य शरीर को हरि मन्दिर भी कहा गया है। इसमें प्रभु का जीता जागता अंश विराजमान है। हमारे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने जयगुरुदेव नाम को जगा कर देश के कोने-कोने में इसका प्रचार करके, नामदान देकर, करोड़ों लोगों को उनकी बुरी आदतों, गन्दे खान-पान को छुड़ाकर उनके हाथों में माला पकड़ा दी और उनका जीवन बदल दिया। आज वे सब ‘‘गृहस्थ साधु’’ के रूप में समाज में जगह-जगह देखे जा सकते हैं। मैं भी उन्हीं के दिशा निर्देशों के अनुसार जनजागरण में लगा हूं। इसी संकल्प के साथ 108 दिनों की जनजागरण यात्रा लेकर निकला हूँ।
वर्तमान समय में समाज में फैली कुरीतियो, अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिन्ता व्यक्त करते हुये पंकज जी ने कहा कि शिक्षा के होते हुये, संस्कारों के अभाव में वर्तमान की युवा पीढ़ी दिशाहीन होती जा रही है। जबकि यही युवा देश की व अपने माता पिता की धरोहर हैं, पहचान हैं। हमारी समाज के प्रबुद्धजनों से, समाज सेवियों से, धार्मिक जनों से यह अपील है कि आप अपने घरों के इन होनहार युवाओं को शाकाहारी बनायें और नशों की गिरफ्त में आने से बचायें ताकि इनकी आंखों में मां बहन बेटी की पहचान कायम हो और एक अच्छे समाज का निर्माण हो सके।
सन्त पंकज जी ने जयगुरुदेव आश्रम मथुरा (उ0प्र0) में आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आयोजित पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘दादा गुरूजी’ के 75वें वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला पधारने का निमन्त्रण दिया। कहा, यहाँ वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां पर बुराईयाँ चढ़ाने पर मनोकामना पूरी होती है। सभी धर्म-मजहब के लोग यहाँ आते है। वहाँ पधारकर दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करें। संस्था द्वारा संचालित हजारों गोवंश की गोशाला, निःशुल्क विद्यालय, निःशुल्क भण्डारा (लंगर), निःशुल्क चिकित्सालय के संचालन व पीठे पानी की निःशुल्क आपूर्ति धर्मादा कार्यों के बारे भी बताया।
इस अवसर पर जयगुरुदेव संगत बदायूं के जिलाध्यक्ष उपदेश सिंह, भू स्वामी ‘अनोखी लाल’, ब्लाक अध्यक्ष भूरे सिंह, आयोजक मदन गोपाल, नेमपाल सिंह, पप्पू शर्मा, सहयोगी संगत गोरखपुर के अध्यक्ष जयराम मास्टर, जयराम पटेल, अर्जुन नरेन्द्र, राजेन्द्र कनौजिया के साथ-साथ संस्था के पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव हेतु ग्राम दुधौनी प्रस्थान कर गई। राजेश वार्ष्णेय एमके