बिल्सी, तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ गुधनी में स्थित आर्य समाज मंदिर में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर यजुर्वेद के मत्रों से यज्ञ किया गया तथा वेद मंत्रों के अर्थ का वाचन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने बताया कि “पूर्णिमा का अर्थ है ‘पूरा हो जाना”! परमात्मा पूरा है और वह चाहता है कि हम मनुष्य भी दैविक शक्तियों का उत्थान करके पूर्णता को प्राप्त हो अर्थात सत्कर्म करते हुए बुराइयां छोड़ते हुए आगे बढ़े और एक दिन बुराइयों से मुक्त हो जाऍ। ऐसे व्यक्ति को ही परमात्मा अपने धाम में स्थान देते है। आर्य समाज गुधनी के मंत्री अगर पाल सिंह ने कहा “महर्षि दयानंद सरस्वती एक महान समाज सुधारक थे, महान देशभक्त थे, परम योगी थे, जिन्होंने हम सबको ज्ञान और व्यवहार की बातें सिखाईं। उन्होंने कहा मांस मनुष्य का भोजन नहीं है इसलिए मांस मदिरा का जहां तक संभव हो व्यक्ति को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए। कुमारी तृप्ति शास्त्री ने वेद मित्रों का वाचन किया और कहा “यज्ञ से बढ़कर के समाज का भला करने वाला दूसरा काम नहीं है।! कुमारी मोना आर्य, ईशा आर्य, तान्या रानी, भावना रानी, श्रीमती मुन्नी देवी, श्रीमती मिथिलेश आदि मौजूद रहे