10:46 pm Tuesday , 29 April 2025
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भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के बढ़ते अत्याचार का किया अंत


सिरतौल में भागवत कथा का छठां दिन
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव सिरतौल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठें दिन कथावाचक आचार्य विजय सौभरी जी ने कंस वध एवं उधव चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया। उन्होने कहा कि सच्ची श्रद्धा, सच्चा विश्वास, सच्ची आस्था और सच्चे भाव से समर्पण द्वारा ही भगवान की कृपा प्राप्त करना संभव है। भगवान भाव के भूखे हैं, प्रेम के भूखे हैं, उन्हें किसी का कुछ नहीं चाहिए। भक्त जो भी श्रद्धा से उन्हें अर्पित करता है, वह उसे स्वीकार करते हैं। उन्होने कहा कि जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के बढ़ते हुए अत्याचार अंत किया। उसी तरह जब जब पृथ्वी अत्याचार बढ़ता है उसका भी एक दिन अंत जरुर होता है। कंस वध के पश्चात भगवान श्री कृष्ण जी का वापस गोकुल आने पर माता यशोदा का श्री कृष्ण जी से पूछना कि क्या तुम्हें अपनी माता की याद नहीं आई तथा इस दौरान गोकुल की गोपियों की तरफ से रोजाना नया माखन त्याग कर श्री कृष्ण का इंतजार करना कि कब कान्हा गोकुल वापिस आए व माखन का भोग लगा उनके साथ पवित्र रास रचाए का भी वृतांत संगत को सुनाया। कथा के आखिर में भगवान श्रीकृष्ण जी का रुक्मणी से विवाह की पूरी गाथा पर भी रोशनी डाली। भगवान श्री कृष्ण व रूक्मणी के विवाह का प्रसंग आते ही सारी संगत की तरफ से जयकारों लगाए गए व संगत खुशी से नाचने झूमने लगी। जिससे पूरा वातावरण कृष्णमय हो गया। इस मौके पर बिजेंद्र सिंह, अमरपाल, नन्नू पाल, सर्वेश उपाध्याय, उमेश दुबे, पवन उपाध्याय, सत्यवीर सिंह आदि मौजूद रहे।