*▪️प्रांतीय योग शिक्षा संयोजक श्री सुभाष कुमार ने विद्यालय में किया प्रवास*
विद्या भारती विद्यालय शिव देवी सरस्वती शिशु /विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सिविल लाइंस बदायूँ में प्रांतीय योग शिक्षा संयोजक श्री सुभाष कुमार ने आज प्रातःकाल विद्यालय में प्रवास किया | यहाँ उन्होंने वंदना सत्र में भैया बहिनों को योग व प्राणायाम के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की |
कार्यक्रम का प्रारंभ श्री सुभाष जी ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया | ततपश्चात उन्होंने योग के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये | योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्वास-प्रश्वास, जीवन तथा प्राणायाम का आधार है। उन्होंने बताया कि श्वास-प्रश्वासों की गति को लयबद्ध करना ही प्राणायाम है। जो वायु श्वास अन्दर खींचने पर बाहर से भीतर पहुँचती है, उसे श्वास (inhalation) और बाहर छोड़ने पर जो वायु भीतर से बाहर निकलती है, उसे प्रश्वास (exhalation) कहते हैं। जब श्वास शरीर में आता है, तब मात्र वायु या ऑक्सीजन ही नहीं आती है, अपितु एक अखण्ड दिव्य शक्ति भी अन्दर जाती है, जो शरीर में जीवनी शक्ति को बनाये रखती है। प्राणायाम करना केवल श्वास का लेना और छोड़ना मात्र नहीं होता, बल्कि वायु के साथ ही प्राण-शक्ति या जीवनी शक्ति (vital force) को भी ग्रहण करना होता है। यह जीवनी-शक्ति सर्वत्र व्याप्त, सदा विद्यमान रहती है; जिसे हम ईश्वर, गॉड (God) या खुदा आदि जो भी नाम दें, वह परम शक्ति तो एक ही है और उससे ठीक से जुड़ना और जुड़े रहने का अभ्यास करना ही प्राणायाम है |
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नियमित रूप से प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए | इससे मन एकाग्र होता है तथा पढ़ने के लिए भी मन तैयार होता है | ईश्वर शक्ति निरंतर बढ़ती रहती है | विद्या भारती के द्वारा आधारभूत विषय योग शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, संगीत शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा का अध्ययन मानव विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है | योग शिक्षा के द्वारा प्राणमय कोश का विकास होता है, जिससे शरीर निरोगी बनता है और मानव अपने परम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।
कार्यक्रम को सफलता प्रदान करने में विद्यालय के शिव देवी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य श्री घनश्याम सिंह एवं शिव देवी शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य श्री जयप्रकाश द्विवेदी का विशेष सहयोग रहा | इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री विनय चौहान, निरंजन सिंह,लालाराम वर्मा सहित समस्त आचार्य, आचार्या दीदी, भैया बहिन एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे |