11:43 am Friday , 31 January 2025
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कोई छोटी बयार हो जाए,किसी को मुझसे प्यार हो जाए

कोई छोटी बयार हो जाए,किसी को मुझसे प्यार हो जाए

जो भी नंबर मुझे नहीं देतीं,उनपे भूतिन सवार हो जाए।

विभिन्न राज्यों के कवियों ने युवा काव्य उत्सव में किया काव्यपाठ

बिल्सी। नगर की उ.प्र.हिन्दी प्रचार समिति के तत्वावधान में नगर के तहसील रोड स्थित नारायन ग्रीन हाउस में लगातार 12 घंटे से अधिक चले राष्ट्रीय युवा काव्य उत्सव का धूमधाम से समापन हो गया। जिसमें देश के कई राज्यों से आएं 51 युवा कवियों ने प्रतिभाग कर अपना काव्य पाठ किया। कार्यक्रम पांच सत्रों में चला। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी मटरूमल शर्मा महाराज ने की। मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव गुप्ता रहे। जिन्होने सभी कवियों को सम्मान पत्र व राम दरबार का प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। काव्य उत्सव का शुभारंभ बाल कवयित्री वंशिका राघव की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके हरदोई से आए तेजस्वी अवस्थी ने अपना मुक्तक पढ़ा-

होंठों की मुस्कान नहीं हो पाए हम।।

उलझे थे,आसान नहीं हो पाए हम।

होने को हिन्दू और मुस्लिम बड़े हुए,

एक भले इंसान नहीं हो पाए हम।।

कौशांबी प्रयागराज से आए साहिल दर्पण ने पढ़ा-

कोई छोटी बयार हो जाए

किसी को मुझसे प्यार हो जाए

जो भी नंबर मुझे नहीं देतीं

उनपे भूतिन सवार हो जाए।

हरियाणा से आए कवि नीरज राव ने पढ़ा-

चाहत किसी की भी ना है हमें

बस खाली चाह रखते है।

वैसे हम बिना डाँक्टर के भी,

मरीजों की दवा रखते है।

शाहजहांपुर से आए पंकज मतलबी ने पढ़ा-

मिलती नसीब से हैं लोगों को बेटियां,

फिर भी न पसंद हैं लोगों को बेटियां..।

नैमत खुदा की मिलती बेटी के रूप में,

देती दुलार मान ये लोगों को बेटियां..।।

अल्मोड़ा से आए ललित मोहन जोशी ने पढ़ा-

लूटा है मुफ्लिसी भूख ने मेरे देश को

लूटा है इन अमीरों ने मेरे देश को

और डंके की चोट पर कहता हूं मैं

बदलते हुक्मरानों ने लूटा है मेरे देश को।

मैनपुरी से आए कुलदीप मिश्र ने पढ़ा-

कुछ चराग आँधियों में सम्भाले गए थे

तब कुछ घरों में उजाले गए थे

यूँ ही नहीं हम महफिल की शान बन गए

हम भी कुछ महफ़िलों से निकाले गए थे

दिल्ली से आए अभिषेक मिश्र अभि ने पढ़ा-

सुन मेरे बनारस….

मैं तुझ से मिलने आऊँगा,

जब वक़्त होगा आखिरी,

सफर भी होगा आखिरीऔर….

मक़ाम भी होगा आखिरी

तब मैं तुझ से कहने आऊँगा

सुन मेरे बनारस मैं तुझ से मिलने आऊंगा।

इस अवसर पर अन्य कवि कवयित्रियों ने भी अपना काव्य पाठ किया। काव्य उत्सव का संचालन पवन शंखधार, षट्वदन शंखधार व हर्षवर्धन मिश्र ने किया। कार्यक्रम रातभर चला। इस मौके पर संस्था अध्यक्ष विष्णु असावा, संदीप मिश्रा, अचिन मासूम, ओजस्वी जौहरी, श्रीकृष्ण गुप्ता, शशांक रायजादा, ललितेश कुमार, हरगोविंद पाठक, डां ममता नौगरिया, शुभ्रा माहेश्वरी, चैयरपर्सन ज्ञानदेवी सागर, ओमप्रकाश सागर, आदि मौजूद रहे।