उझानी , गौशालाओं से ज्यादा घूम रहे आवारा गोवंश, लोगों की ले रहे जान।***** 1 नवंबर से आवारा पशुओं को पकड़ने के अभियान का नहीं दिखाई देता असर।*****पशुपालन विभाग मस्त, फसलों को नुक़सान व किसानों की जान ले रहे आवारा पशु।*******उझानी बदायूं 16 नवंबर। सरकार के 1 नवंबर से आवारा पशुओं को पकड़ने के एक महीने के अभियान को पशुपालन विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया है।आऐ दिन आवारा पशु ओर सांड लोगों की जान ले रहे हैं। वही किसानों को अपनी फसलों को इन आवारा पशुओं से बचाना मुश्किल हो रहा है। पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 200 से ज्यादा गौशालाएं है। वही गोवंश व आवारा पशुओं की संख्या भी 40000(चालीस हजार ) के आसपास है। देहात ओर नगरीय क्षेत्रों में गोर करे तो जितने पशु गौशालाओं में ह
है , उससे ज्यादा सड़कों, हाईवे किनारे,व देहात में नजर आते हैं। लगता है पशुपालन विभाग के आंकड़े कागज़ी है। किसानों को पूरी पूरी रात ठंड में खेत रखाने में ही काटनी पड़ती है। फिर भी नजर बचते ही आवारा पशु फसलों को नुक़सान पहुंचा जाते हैं। पिछले बर्ष ही आवारा पशुओं व सांड के हमले में 50 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। फिर भी पशुपालन विभाग चेता नहीं है। शहरों में सड़कों पर चलना दुश्वार है। किसान महावीर सिंह, कुबेर सिंह, सुनील, रामस्वरूप, मुन्नी लाल, रामभरोसे लाल आदि लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि आवारा पशुओं को पकड़वा कर हमारी फसलों की व जान की रक्षा करने को विभाग को निर्देश दें। राजेश वार्ष्णेय एमके