दातागंज-दातागंज तहसील के ग्राम सुखौरा में जय गुरुदेव उत्तराधिकारी पंकज जी ने की सत्संग को संबोधित।
दातागंज-दातागंज तहसील के सुखोरा में मानव उत्थान के बारे में विशाल सत्संग का आयोजन आउट किया गया सत्संग में तहसील जिला एवं प्रदेश मुख्यालय के जय गुरुदेव के शिष्यों ने भारी तादाद में आगमन किया। देश में व्यापक पैमाने पर शाकाहार का प्रचार करने वाली एक मात्र संस्था जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज जी महाराज अपने 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध आध्यात्मिक-वैचारिक जनजागरण यात्रा के साथ 80वें पड़ाव पर कल सायंकाल ग्राम सुखौरा पधारे। स्थानीय भाई-बहनों व जौनपुर के प्रेमियों ने गुब्बारे की सजावट, फूल मालाओं, कलशों, रंगोली तथा गाजे-बाजे के साथ पूरे यात्रियों का भव्य स्वागत किया। आज यहां सत्संग समारोह का आयोजन हुआ।
अपने सत्संग प्रवचन में संस्थाध्यक्ष ने कहा कियह अनमोल मानव शरीर परमात्मा ने इसलिये दिया है कि अबकी बार किसी प्रभु की प्राप्ति करने वाले सन्त महात्मा की खोज करें। वह जो दया का प्रसाद दें उससे भजन करके जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त हो जायें। इसी उद्देश्य के साथ हमारे गुरू महाराज बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने अथक परिश्रम किया और गृहस्थ आश्रम में रहकर प्रभु की प्राप्ति की सरल साधना सुरत-शब्द (नाम योग) में बीसों करोड़ लोगों को संलग्न किया।
उन्होंने कहा इस कलियुग में सन्तों का अवतरण हुआ जिन्होंने दया करके सुरत-शब्द योग (नाम योग) का आत्म कल्याण हेतु सरल रास्ता जारी किया और बताया कि सारी आत्मायें शब्द (नाम) पर उतार कर लाई गयी है। उस शब्द से सुरत का सम्बन्ध टूट गया अब उसे यह बोध नही रहा कि हम कहां से आयी, हमारा सच्चा पिता कौन और कहाँ है? प्रभु को पाने वाले सन्त, महापुरूष जब मिल जायेंगे तब रास्ता बता देंगे। साधना और गुरू कृपा से आत्मा में विराजमान दिव्य दृष्टि (तीसरा नेत्र) तीसरा कान खुल जायेगा और आप प्रकाश के चौड़े मैदान में खड़े हो जायेंगे, त्रिकालदर्शी हो जायेंगे। जीवन सार्थक हो जायेगा।
संस्था प्रमुख ने गुरू की महिमा पर बहुत प्रकाश डाला। गुरू को सर्वोच्च दयागार कहा। गुरू के बराबर कोई नही। यहाँ तक कि सतनाम अनामी भी गुरू के आगे कुछ नहीं। गुरू मेरे पूर्ण कृपा के आधार हैं। मैं उन्हीं का गुण गाऊँगा। उनके नाम को रोशन करने में अपनी पूरी ताकत व जीवन लगा दूंगा। उन्होंने कलयुग की सुगम से सुगम नाम योग साधना का उपदेश किया। जयगुरुदेव नाम की महिमा सुनाई कहा कि यह नाम समय का जागृत एवं सिद्ध नाम है। संकट की घड़ी में मददगार होगा। मौत के वक्त इस नाम को श्वांस-श्वांस पर याद करने पर मौत की पीड़ा कम होगी। ‘जयगुरुदेव’ नाम का जहाज हमारे गुरू महाराज लगा कर गये हैं। इस जहाज पर जितने भी जीव चढ़ जायेंगे यह जहाज सबको पार उतारेगा। अभी आप क्या देखते हैं, ‘जयगुरुदेव’ नाम से ना जाने कितनी रूहें खेप की खेप भवपार चली जायेंगी। सारी दुनिया को शांति इसी नाम से मिलेगी। एक दिन सारी दुनिया ‘जयगुरुदेव’ नाम को याद करेगी। जातियां कर्म के अनुसार बनी न कि जन्म से। इसलिये बिना जाति-पाँति के भेद किये भजन का रास्ता लेकर साधना करके आत्मकल्याण करें। आज समाज में परस्पर प्रेम सद्भाव की आवश्यकता है। प्रेम से मिल जुलकर जीवन यापन करें। शाकाहार-सदाचार अपनाकर, नशों का त्याग करें। अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनें।
आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आगरा-दिल्ली बाई पास स्थित जयगुरुदेव मंदिर मथुरा में पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘दादा गुरूजी’ का 75वां वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला आयोजित होगा। आप से अपील है कि समय निकालकर पावन पर्व पर जयगुरुदेव आश्रम मथुरा पधारें। दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करे। शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा।
इस अवसर पर बदायूँ संगत के जिलाध्यक्ष उपदेश सिंह, ब्लाक अध्यक्ष नेकशाह पहलवान, आयोजक रामऔतार, रामनरेश, भूस्वामी ताराचन्द शाक्य, शंकर लाल, सूरज पाल, चरन सिंह सहयोगी संगत जौनपुर अध्यक्ष ऋषिदेव श्रीवास्तव, विनोद यादव, अरुण वर्मा, ओम प्रकाश गुप्ता, महेन्द्र यादव, कैलाश सिंह आदि के साथ संस्था की प्रबन्ध समिति व सामान्य सभा के सदस्यगण भी उपस्थित रहे।
सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव के लिये ग्राम पैरहा ब्लाक संगरेर के लिये प्रस्थान कर गई। जहाँ कल (आज) दिन के 11.30 बजे से सत्संग समारोह आयोजित है।