*शाकाहार ही है सदाचार – पंकज जी महाराज। ** *************** मथुरा से चली जनजागरण यात्रा में आऐ पंकज जी महाराज का हुआ भव्य स्वागत।***************नशीले पदार्थों से दूर रहें युवा – महाराज।**************बदायूँ 14 नवम्बर। पंकज जी महाराज का कहना है, शाकाहारी रहना है।’’ ‘‘कुदरत है तैयार खड़ी, आगे है तबाही बड़ी-बड़ी।’’ नहीं अगर चेतोगे प्यारे, तौबा-तौबा करोगे प्यारे।’’ अच्छा समाज बनाना है, शाकाहार अपनाना है।’’ रूहों पे रहम जो करता है, वही खुदा को प्यारा है।’’ आदि मानव प्रेरक नारों के साथ जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज अपने 108 दिवसीय ‘‘शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध, आध्यात्मिक-वैचारिक जनजागरण यात्रा के साथ 27 अगस्त से चलकर विभिन्न जिलों में जनहितकारी सन्देश सुनाने के उपरान्त वर्तमान में बदायूँ जनपद के प्रत्येक ब्लाक में दो-दो स्थानों पर सत्संग सन्देश देने के लक्ष्य के साथ दिनांक 12 नवम्बर से प्रवेश कर चुके हैं। जगत ब्लाक के गौसपुर में सत्संग सुनाने के बाद कल सायंकाल अपने 79वें पड़ाव पर सलारपुर ब्लाक के गांव कुण्डरा पधारे। बड़ी संख्या में पूर्व से कतारबद्ध खड़े स्थानीय भाई-बहनों व बच्चे-बच्चियों ने दीप प्रज्वलित कर कलशों, फूल मालाओं, पुष्प वर्षा, आतिशबाजी तथा ढोल नगाड़े के साथ समस्त काफ़िले का भव्य स्वागत किया।
अपने सत्संग सम्बोधन में पूज्य महाराज जी ने कहा कि जब हमारे पुण्य कर्मों का उदय होता है, सन्तों महात्माओं की दया होती है तो हमको सत्संग सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। पैदा होने से पहले सबने यह वादा किया था कि हे भगवान! अबकी बार हमको मनुष्य तन दे दीजिए हम आपकी भजन भक्ति करेंगे, जबकि किया गया वादा सब लोग भूल गये। खोटे-बुरे कर्मों को करने वाले जीवों को इसी शरीर से मिलती-जुलती लिंग शरीर में भयानक यातनायें दी जाती हैं। सन्त महात्मा साधना करके ऊपर के लोकों में जब जाते है। तो जीवों को मिल रही यातनाओं को देखकर द्रवित हो जाते है। सहजोबाई ने कहा ‘‘लोह के खम्भ तपत के माही, जहाँ जीव को ले चिपटाही’‘ नर्कों में लोहे जैसे खम्भे तपकर लाल हो रहे हैं, उसमें जीव चिपटाये जाते हैं और वे हाय-हाय करके चिल्लाते है, वहाँ कोई बचाने वाला नहीं। इसीलिए हमारे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने यह आवाज लगाई कि ऐ इंसानों! तुम अपने दीन ईमान पर वापस आ जाओ और मनुष्यरूपी मन्दिर में बैठकर भगवान की सच्ची पूजा करो, ताकि आपकी आत्मा रूह नर्कों व दोजखों में जाने से बच जाये।
महाराज जी ने समाज में बढ़ती हुई हिंसा, अपराध और शराब व अन्य नशीले पदार्थों के सेवन की बढ़ती हुई प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि सबसे पहले आप मानवतावादी बनें। एक-दूसरे की सेवा करें। समाज में मिलजुल कर रहें और मांस-मछली अण्डा जैसे अषुद्ध आहार का परित्याग करें। शराब व अन्य नशीली वस्तुओं को छोड़े। जिस शराब के पीने से ऑखों से मॉ-बहन, बेटी की पहचान खत्म हो जाती है इसे पीकर कैसे विचार कर सकते है कि क्या अच्छा है, क्या बुरा है? साधना पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस कलयुग में सन्तों का अवतरण हुआ और उन्होंने पिछले युगों की कठिन साधनाओं को रोककर इस साधना का मार्ग जारी किया। यह आत्मा (रूह) आकाषवाणी पर उतारकर यहां लाई गई। जब प्रभु की प्राप्ति करने वाले सन्त सतगुरु मिलेंगे तो साधना का रास्ता बता देंगे और दया मेहर करेंगे तो आप प्रकाष के चौड़े मैदान में खड़े हो जायेंगें। महाराज नै कहा कि चिड़िया अपने घोसले से निकलकर आसमानों की सैर करती है उसी तरह आत्मा भी निकलकर ऊपर के मण्डलों की अरबों खरबों मील की सफर करके वापस अपने शरीर में लौट आयेगी। रास्ता सच्चा है, आप करेंगे तो आपका मानव जीवन सफल हो जायेगा।
शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा। उन्होंने आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले 75वें पावन वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला में आने का निमन्त्रण दिया।
इस अवसर पर बदायूँ संगत के जिलाध्यक्ष उपदेश सिंह, ब्लाक अध्यक्ष मुनेन्द्र सिंह, प्रवक्ता शिव शंकर मिश्र, ठा. रमेश सिंह, पातीराम प्रजापति, प्रधान महावीर शाक्य, सहयोगी संगत जौनपुर अध्यक्ष ऋषिदेव श्रीवास्तव, दलसिंगार, मोहन यादव, महेन्द्र कुमार बिन्द, मोहन लाल पाल के साथ संस्था के पदाधिकारीगण तथा संस्था की प्रबन्ध समिति व सामान्य सभा के सदस्यगण भी उपस्थित रहे।