उझानी होशियार,कहीं मिलावटी मिठाइयां आपकी सेहत न बिगाड़ दे।*
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उझानी बदायूँ 10 नवंबर । दिवाली का त्यौहार कुछ दिनों की दूरी पर है, वहीं मिलावटी खोये ( मावा) और उससे बनी मिठाइयों की जमकर बिक्री होना शुरु हो गई है। थोक बाजारों में खोया 350 रुपये प्रति किलो से लेकर 550 रुपये की दर पर मिल रहा है, जबकि शुद्ध खोये की लागत ही 450 से 500 रुपये प्रति किलो के आसपास आती है।
ऐसा नहीं है कि खोये के अलावा अन्य मिठाइयों में मिलावट नहीं हो रही है। इमरती, बालूशाही, मोतीचूर के लड्डू से लेकर सोन पापड़ी भी इससे अछूती नहीं हैं।
मिलावटी मिठाइयां शहर के अलावा देहात क्षेत्रों में भी दुकानों पर भी बिकती है। बाजार में जिस तरह सस्ते और मिलावटी बेसन और खोए की आपूर्ति हो रही है, उससे साफ होता है कि इनकी खपत मिठाइयों में हो रही है। बाजार के सूत्रों के अनुसार मिलावटी बेसन बनाने में मटर की दाल, आटा, सूजी पाउडर, खेसारी दाल और चावलों का पाउडर मिलाया जाता है।
त्योहार आते ही मिलावटी खोया बाजारों में आने लगता है। उसी से सस्ते दामों में मिठाइयां तैयार की जाती हैं। यह मिठाई रंग और सस्ता बेसन और रिफांइंड मिलाकर लोगों को बेची जा रही है। ऐसाा नहीं है कि खाद्य विभाग इन पर रोक लगाने के लिए छापेमारी नहीं कर रहा । मिलावट रोकने को उनके खिलाफ कार्रवाई भी कर रहा है । मगर मिलावटखोरों ने मिलावटी मिठाईयों को प्रतिष्ठानों से दूर स्टाक कर रखा है।
मिठाई सावधानी पूर्वक खरीदें ओर विश्वसनीय दुकानदारों से, वर्ना आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता