3:56 am Friday , 31 January 2025
BREAKING NEWS

धनतेरस या धनत्रयोदशी—- राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य


धनतेरस या धनत्रयोदशी—- राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य

यह भारतीय त्योहार दिवाली का पहला दिन है । यह कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष के तेरहवें चंद्र दिवस पर पड़ता है। इस वर्ष, शुक्रवार, 10 नवंबर को यह शुभ अवसर पूरे भारत में जबरदस्त धूमधाम और धूमधाम से मनाया जाएगा। धन्वंतरि, जिनकी धनतेरस पर भी पूजा की जाती है, को आयुर्वेदिक भगवान माना जाता है जिन्होंने मानव जाति को बेहतर बनाने और उन्हें बीमारी के दर्द से उबरने में मदद करने के लिए आयुर्वेद का ज्ञान दिया। धनतेरस खरीदारी और धन्वंतरि और भगवान कुबेर की पूजा के लिए जाना जाता है। धनतेरस को दिवाली की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है ,
धनतेरस के दिन, लक्ष्मी पूजा सूर्यास्त के तुरंत बाद के दो घंटों, प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए। इस दौरान लक्ष्मी पूजा घर में सौभाग्य और समृद्धि ला सकती है।

लोगों को झाड़ू खरीदनी चाहिए क्योंकि इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सोने-चांदी के सिक्के और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदना भी शुभ माना जाता है।
जैसा कि कहा जाता है कि देवी स्वच्छ वातावरण में प्रकट होती हैं, इसलिए धनतेरस से एक दिन पहले घर की साफ-सफाई अवश्य कर लें।
धनतेरस पर गाय की पूजा का अत्यधिक महत्व है। गाय को रोटी और गुड़ खिलाना चाहिए।
चूंकि इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है और उन्हें चिकित्सा का देवता माना जाता है, इसलिए लोगों को बीमारों की मदद करनी चाहिए और उन्हें दवाएं प्रदान करनी चाहिए।

इस दिन जितना हो सके देवी लक्ष्मी और कुबेर के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
इस दिन नमक खरीदना शुभ होता है। दिवाली पर खाना बनाने के लिए इस नमक का इस्तेमाल करें. दिवाली पर घर से सारी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए सफाई करते समय थोड़ी मात्रा में इस नमक का प्रयोग करें
1. इस शुभ दिन पर लोगों को चाकू, कांटा, कैंची आदि जैसी धारदार वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए।

लोगों को आज कुछ भी बेचने से बचना चाहिए, क्योंकि इस शुभ दिन पर नई चीजें खरीदने की प्रथा है।
मांसाहारी भोजन या तामसिक भोजन जैसे अंडा, प्याज और लहसुन खाने से बचें। त्योहारों पर सात्विक भोजन ही बनाएं।
यह दिन धन उधार लेने के लिए शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इससे बचें। अपने घर को सजाने के लिए दीयों का प्रयोग करें, सुनिश्चित करें कि कोई कोना या कोना अंधेरा न रहे। शराब पीना, जुआ खेलना आदि हानिकारक गतिविधियों से दूर रहें।

धनतेरस पर काले रंग की कोई भी चीज खरीदने से बचें। वैकल्पिक रूप से, चमकीले रंगों जैसे सुनहरा, नारंगी, पीला, लाल आदि को प्राथमिकता दें।

धनतेरस के दिन कांच आदि से संबंधित समान और आर्टिफिशियल ज्वेलरी भी खरीदने से बचना चाहिए। वहीं, कांच का संबंध राहु से होता है। इसलिए शीशे आदि बिल्कुल भी न खरीदें। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की तरक्की रुक जाती है।

काले रंग के कपड़े न खरीदें

काले रंग के कपड़े न खरीदें
धनतेरस पर यदि आप कपड़े खरीदने के लिए जा रहे हैं तो काले रंग के कपड़े बिल्कुल भी न खरीदें। आप चाहें को अन्य रंग के कपड़े खरीद सकते हैं
धनतेरस पर मिट्टी से बने बर्तन आदि की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि मिट्टी के बर्तन खरीदने से घर में बरकत कम हो जाती है और सुख शांति में भी कमी आती है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर झाड़ू घर लाना धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी को अपने निवास में रखने का प्रतिनिधित्व करता है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए झाड़ू आवश्यक उपकरण हैं और यही वह गुण है जो देवी के आशीर्वाद को आकर्षित करता है।
धनतेरस का पर्व दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। इस बार धनतेरस का पर्व 10 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कुबेर, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन खरीदारी करना बहुत ही शुभ रहता है लेकिन, खरीदारी करते समय आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
“धनतेरस का पर्व 10 नवंबर को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सोना और चांदी खरीदना बहुत ही शुभ रहता है। इस दिन माता लक्ष्मी भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। हालांकि, धनतेरस पर आपको खरीदारी करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
“धनतेरस के दिन लोहे से संबंधित समान जैसा खाना बनाने के लिए कढ़ाई आदि नहीं खरीदने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई लोहे से संबंधित सामान घर लेकर आता है तो व्यक्ति के घर में दुर्भाग्य भी साथ आ जाता है।”
इस दिन नमक खरीदना शुभ होता है ।

“धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर को शाम 5:47 बजे से शाम 7:43 बजे तक रहेगा. शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, धनतेरस पर 13 दीये जलाए जाते हैं. कुल मिलाकर पूजा के लिए आपको 2 घंटे का समय मिलेगा. धनतेरस की पूजा में देवी लक्ष्मी, गणेश, धन्वंतरि एवं भगवान कुबेर की पूजन की जाती है.

ये पूजन सामग्री जरूरी
पूजन से पहले सामग्री के बारे में जान लेते हैं. पूजा फूल, माला एवं आटे का हलवा, गुड़ के साथ धनिया के बीज या बूंदी के लड्डू अर्पित किए जाते हैं.
धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर और सुख-समृद्धि एवं वैभव की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है।

धनतेरस कुबेर देव की पूजा विधि
प्रातः स्नान करें और आसन लेकर मंदिर के सामने बैठ जाएं।
फिर बाएं हाथ में जल भरें और उसे खुद पर एवं आसपास छिड़कें।
एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और कुबेर देव को स्थापित करें।
कुबेर देव की तस्वीर भी चौकी पर विराजित कर सकते हैं।
कुमकुम से लाल कपड़े पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं।
फिर स्वास्तिक (शुभ काम से पहले क्यों बनाते हैं स्वास्तिक) पर अक्षत, फूल और फल रख अर्पित करें।
कुबेर देव को मोली यानी कि कलावा वस्त्र के रूप में चढ़ाएं।
कुबेर देव को श्रद्धा और क्षमता अनुसार आभूषण अर्पित करें।
आभूषण नहीं हैं तो इसके अलावा नारियल चढ़ा सकते हैं।

कुबेर देव को कमल के पुष्प या कमलगट्टा अर्पित करें।
कुबेर देव के समक्ष धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं।
फिर कुबेर देव को मिष्ठान का भोग लगाएं।
कुबेर देव के मंत्रों का जाप करें और आरती उतारें।
भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
धनतेरस कुबेर देव के मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
धनतेरस 2023 मां लक्ष्मी की पूजा विधि
प्रातः स्नान के बाद चौकी पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
मां लक्ष्मी के पास लाल कपड़े पर अक्षत डालें और कलश स्थापित करें।
नारियल को लाला वस्त्र में लपेट कर कलश पर ऐसे रखें कि ऊपरी हिस्सा नजर आए।
चौकी पर घी का दिया जलाएं और मां लक्ष्मी के ठीक सामने रखें।
मां लक्ष्मी को धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प, फल, पान, सुपारी (सुपारी के उपाय) आदि चढ़ाएं।
मां लक्ष्मी को उनका प्रिय खीर का भोग लगाएं और फिर मंत्र जाप करें।
मंत्र जाप के बाद लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें और मां की आरती गाएं।
फिर भोग को प्रसाद के रूप में परिवार के सदस्यों के बीच बाटें।
आप चाहें तो कुबेर देव और मां लक्ष्मी की साथ में पूजा कर सकते हैं।
धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर, शुक्रवार को शाम 05 बजकर 47 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में बर्तन और सोने-चांदी के अलावा वाहन, जमीन-जायदाद के सौदे, लग्जरी चीजें और घर में काम आने वाले अन्य दूसरी चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।

धनतेरस कथा
पौराणिक कथा के अनुसार जब अमृत प्राप्ति के लिए देवताओं और दानवों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था, तो एक-एक करके उससे क्रमशः चौदह रत्नों की प्राप्ति हुई। समुद्र मंथन के बाद सबसे अंत में अमृत की प्राप्ति हुई थी। कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र से अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। जिस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए वह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी, इसलिए धनतेरस या धनत्रयोदशी के दिन धन्वंतरि देव के पूजन का विधान है।

10नवमबर को धन तेरस दिन मे 11.47 से प्रारम्भ होगीऔर 11नवम्बर दिन मे 1.13तक रहेगी चूंकि प्रदोष काल मे त्रयोदशी होने से 10 नवम्बर को प्राथमिकता दे स्थिर लग्न 10 नवम्बर कुम्भ 12.49से 2.20 वृष लग्न 5.47से 7.47 सिह लग्न रात 11.55से 2.08मे पूजन खरीद शुभहै
चौघडिया
10नवम्बरदिन 12.से 1.25शुभ का ,साय 4.29से 5.09 चर का रात 8.45से10.23लाभ का रात 12से 1.40 शुभ का

पं.राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य
9058810022