क्रोध की अवस्था में व्यक्ति की स्मृति का नष्ट हो जाती है
बिल्सी के सतेती में भागवत कथा का पांचवां दिन
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव सतेती स्थित भगवानदास मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक गोपालाचार्या महाराज ने कथा सुनाते हुए भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए माखन चोरी की लीलाओं का तात्विक प्रवचन किया। भगवान की बाल लीलाओं को देखकर गोपियां भगवान से प्रार्थना करती हैं। हे प्रभु आप हमारे घर भी पधारे हमारे घर में उधम मचाए हमारी मटकीयों को फोड़े, हमारा मक्खन फैलाएं और हम चोर-चोर कहते हुए आपके पीछे भागे। इस प्रकार की अद्भुत प्रार्थना को सुनकर भगवान गोपियों के यहां जा कर माखन चोरी करते हैं। क्रोध की अवस्था में व्यक्ति की स्मृति का नष्ट हो जाती है। नुकसान होने के बाद व्यक्ति समझ पाता है। मैंने क्या खोया, मैंने क्या गवाया जो भगवान के अनन्य भक्त होते हैं। उनकी प्रेम भक्ति को देखकर आप्त समस्त काम परमात्मा के हृदय में कामनाएं उत्पन्न हो जाती हैं। भगवान ब्रजवासियों के प्रेम में बंधकर एक चुल्लू छाछ के लिए नाचते हैं। भगवान की बाल लीलाएं बड़ी अटपटी हैं। भगवान की बाल लीलाओं का आनंद बुद्धि के द्वारा नहीं लेना चाहिए। भगवान में जो बुद्धि लगाता है वह निश्चय ही मूर्ख है। क्योंकि भगवान बुद्धि का नहीं हृदय का विषय हैं। बुद्धि संसार में लगानी चाहिए। मन भगवान के चरणों में लगाना चाहिए। इस मौके पर बब्लेश सिंह राठौर, अशोक कुमार, अनूप सिंह राठौर, धर्मवीर शर्मा, राहुल सोलंकी, रामवीर शर्मा, रविंद्र सिंह, अंकुल सिंह, रविंद्र सिंह, अंकुर सिंह, कुलदीप शर्मा आदि मौजूद रहे।