पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ने पर अवतार लेते है भगवान
बिल्सी के सतेती में श्रीमदभागवत कथा का चौथा दिन
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव सतेती के होली चौक के निकट स्थित भगवानदास मंदिर पर ग्रामीणों द्वारा आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन आज रविवार को स्वामी गोपालाचार्या जी महाराज ने यहां माता देवकी और वासुदेव के विवाह के प्रसंग के माध्यम से पुत्र-पुत्रियों के विवाह श्रेष्ठ शुद्ध अंताकरण से सम्पन्न करने चाहिए। क्योंकि धर्म को साथ रखकर विवाह ही सफलीभूत होते है। स्वामी जी ने श्रीकृष्ण भगवान के जन्म की कथा का मनोरम प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान का अवतार मात्र राक्षसों के वध के लिए ही नहीं होता अपितु मनुष्य एवं प्राणी मात्र को संस्कारित शिक्षा देने के लिए भी होता है। जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि हुई तब-तब भगवान को अवतार लेना पड़ा है। कंस के अत्याचारों से पीड़ित ब्रजवासियों के कल्याण के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने माता देवकी एवं वासुदेव के घर जन्म लेकर कंस के अत्याचारों से लोगों को मुक्त कराया था। इस मौके पर बब्लेश सिंह राठौर, अशोक कुमार, अनूप सिंह राठौर, धर्मवीर शर्मा, रामवीर शर्मा, रविंद्र सिंह, अंकुल सिंह, रविंद्र सिंह, अंकुर सिंह, कुलदीप शर्मा आदि मौजूद रहे।