पिंडौल में हुआ कुंभकरण और मेघनाथ वध की लीला का मंचन
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव पिंडौल में जनता आदर्श रामलीला कमेटी के तत्वावधान चल रहे रामलीला के मंच पर बीती रात कलाकारों ने कुम्भकरण एवं मेघनाद वध और सलोचना सती का रोमांचक ढंग से मंचन किया। जब राम कुम्भकरण को मार देते हैं तब रावण का पुत्र इंद्रजीत मेघनाथ खुद लड़ने के लिए आता है और देवी मठ में बैठ कर हवन-यज्ञ करने लगता है। जब चारों दिशाओं में धुआं उठने लगता है तब विभीषण राम को मेघनाथ के हवन के विषय में विस्तार से बताते हैं। तब लक्ष्मण हवन विध्वंस कर मेघनाद को युद्ध के लिए ललकारते हैं। जिसके बाद दोनों में भीषण दैविक युद्ध होता है। अनंत मे मेघनाथ मारा जाता है। तब मेघनाथ की कटी हुई भुजा सलोचना को लिखकर युद्ध का हाल बताती है। सलोचन बहुत दुःखी होती है बहुत विलाप करती हैं और रावण से आज्ञा लेकर रामा दल को जाती है रामा दल में सलोचना पति के मुख को हंसाती है तब लक्ष्मण के द्वारा सलोचना को शीश सहित सती करा दिया जाता है। इसके बाद राम और कुंभकरण के मध्य युध्द होता है। जिसमें कुंभकरण भी राम के हाथों मारा जाता है और पर्दा गिर जाता है।