उझानी में बिना रेडियोलॉजिस्ट के चलते मिले डायग्नोस्टिक सेंटर।**** स्वास्थ्य महकमा बेसुध, लगता है सीएमओ की हे मूक सहमति।****नगर में किसी के पास नहीं स्पेशलिस्ट, फिर भी चलते हैं जांच सेन्टर।*****गली मोहल्लों में खुल गये है डायग्नोस्टिक केन्द्र।****सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक हो या आशा कमीशनखोरी के चलते अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर पर ही भेजते हैं मरीज।*****उझानी बदायूं 3 नवंबर।नगर में अवेध डायग्नोस्टिक सेंटर ( जांच केन्द्र ) स्वास्थ्य महकमा की नजरें इनायत होने से गली मुहल्लों में खुल गये है।जो बिना लाइसेंस ही मरीजों का शोषण कर रहे हैं। बिना रेडियोलॉजिस्ट के ही मरीजों को अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट दे दी जाती है। कुछ डायग्नोस्टिक सेंटरों पर तो अप्रशिक्षित 20 साल के युवक ही अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार नगर में लगभग 20 से ज्यादा डायग्नोस्टिक सेंटर खुले हुए हैं,कमीशन के खेल के चलते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक हो या आशा जरुरत ना होने पर भी अपने फायदे के लिए। इन्हीं अवैध डायग्नोस्टिक सेन्टर पर ही अल्ट्रासाउंड को मरीज भेजते है। नगर की पंजाबी कालोनी में 6 माह पहले स्वास्थ्य विभाग ने एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा मारा कुछ दिन वह बंद रहा।अब फिर से सक्रिय हैं। लगता है कि स्वास्थ्य विभाग की सांठगांठ से ही यह अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित हो रहे हैं। ज्यादातर संचालित डायग्नोस्टिक सेंटर पर नाम किसी का ओर साईन किसी के, कहीं रिपोर्ट पर स्पेशलिस्ट का नाम ही अंकित नहीं। स्वास्थ्य विभाग को देखना चाहिए कि मरीज को इतना तो जानने का हक है कि मेरी जांच किस स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने की है। मरीज स्वास्थ्य विभाग की कमी के चलते जांच के पूरे रूपए देने के बाद भी इन अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर पर रेडियोलॉजिस्ट का नाम तक ना जान पाता है। राजेश वार्ष्णेय एमके