पिंडौल में हुआ ताड़का वध और अहिल्या उद्धार का मंचन
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव पिंडौल में जनता आदर्श रामलीला के मंच पर बीती शुक्रवार की रात कलाकारों ने राम जन्म, ताड़का वध एवं अहिल्या-मारीच उद्धार का मंचन बड़े ही सुंदर ढंग से पेश किया। राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ के पास जाकर कहते हैं कि चौथापन आ गया मैं अभी तक निसंतान हूं कोई उपाय कीजिए। तब गुरु वशिष्ठ और श्रंगी रिषी द्वारा पुत्र यज्ञ किया जाता है। अग्नि देव यज्ञ से प्रसन्न होकर राजा दशरथ को खीर देकर अन्तर्ध्यान हो जाते है। खीर को दशरथ ने तीनों रानियों वांट दिया। तब रानी कौशल्या के गर्भ से राम, सुमित्रा के लक्ष्मण और शत्रुघ्न और रानी कैकयी के भरत के रुप में जन्म लिया। राजा दशरथ ने शास्त्र विधा के लिए सभी पुत्रों को गुरु वशिष्ठ के आश्रम में भेज दिया। शिक्षा ग्रहण करने के बाद गुरु विश्वामित्र मित्र यज्ञ पुर्ण कराने के लिए दशरथ जी से मांग कर लें जाते हैं। रास्ते में श्रीराम द्वारा अपने चरणों से अहिल्या का उद्धार करते हुए ताडका राक्षसी का वध करते हैं। इधर विश्वामित्र को जनकपुरी से सीता स्वयंवर का राजा जनक जी के दूत द्वारा संदेश प्राप्त होता है तब विश्वामित्र राम लक्ष्मण सहित जनकपुरी जाने की तैयारी करने लगते हैं। लीला का मंचन खत्म हो जाता है।