जलाभिषेक कर भक्तों ने की मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना
बिल्सी। आज शुक्रवार को नवरात्र के छठें दिन यहां मां कात्यायनी के रुप मनाया गया। भक्तों ने मंदिर और घरों में मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया। भक्तों का कहना है कि महिषासुर का वध करने वाली देवी मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी के नाम से भी पुकारते हैं। मान्यता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। मां कात्यायनी का स्वभाव बेहद उदार है और वह भक्त की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। ऋषि कात्यायन माता के परम भक्त थे। इनकी तपस्या से खुश होकर ही देवी मां ने इनके घर पुत्री के रुप में होने का वरदान दिया। ऋषि कात्यायन की बेटी होने के कारण मां को कात्यायनी कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा का यह स्वरूप अत्यंत दयालु और भक्तों की मन की सभी मुरादें पूरी करने वाला है। नगर के मोहल्ला संख्या एक स्थित प्राचीन हनुमानगढ़ी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भक्तों की संख्या काफी देखने को मिली।