बदायूं : गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर पितृ पक्ष में नियमित श्राद्ध-तर्पण का कार्यक्रम चला।शनिवार को आत्मीय परिजनों ने अपने पितरों के लिए तर्पण किया। परिब्राजक सचिन देव ने कहा कि तृप्ति के लिए तर्पण किया जाता है। स्वर्गस्थ आत्माओं की तृप्ति किसी पदार्थ खाने पहने आदि की वस्तु से नहीं होती। मरने के बाद केवल सूक्ष्म शरीर रह जाता है सूक्ष्म शरीर को भूख प्यास सर्दी गर्मी की आवश्यकता नहीं रहती। सूक्ष्म शरीर में विचारणा, चेतना और भावना की प्रधानता रहती है। पितर सूक्ष्म शरीर शुभ कर्मों से उत्पन्न सुगंध का रस स्वादन करते हुए तृप्ति का अनुभव करते हैं। उनकी प्रसन्नता का आकांक्षा बिंदु श्रद्धा ही है, श्रद्धा ही इनकी भूख है, इसी से उन्हें तृप्ति होती है। इसीलिए पितरों की प्रसन्नता के लिए श्राद्ध एवं तर्पण किए जाते हैं। पीपल के वृक्ष में जल में तिल मिलाकर के अर्पण करने से पितरों को शांति संगति मिलती है।
श्राद्ध-तर्पण में नरेंद्र पाल शर्मा, सुरेंद्र नाथ शर्मा, राम चंद्र प्रजापति, पंकज कुमार, राजेश्वरी आदि मौजूद रहीं।