राजकीय महिला महाविद्यालय, बदायूं में गृह विज्ञान विभाग के तत्वाधान में, महाविद्यालय प्राचार्या प्रो० स्मिता जैन के निर्देशन में तथा डॉ० भावना सिंह के मार्गदर्शन में “पोषण एवं मानव विकास के मूल तत्व” शीर्षक पर सात दिवसीय ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत आज दिनांक 13 अक्टूबर 2023 को श्रृंखला के चतुर्थ दिवस पर विषय विशेषज्ञ के रूप में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ की डॉ० कीर्तिमा सचान ने “गर्भस्थ शिशु का विकास व जन्म प्रक्रिया” शीर्षक पर प्रसार व्याख्यान दिया। आज के प्रसार व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को गर्भवती महिला के गर्भ में विकसित हो रहे भ्रूण के विकास तथा शिशु के जन्म की प्रक्रिया से अवगत कराना था। व्याख्यान की शुरुआत उन्होंने गर्भावस्था की प्रमुख बातें जैसे की गर्भावस्था की अवधि, तिमाही, अंडाणु तथा शुक्राणु आदि के बारे में बता कर की। अपने व्याख्यान में सर्वप्रथम उन्होंने गर्भाधान की प्रक्रिया के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने जन्म के पूर्व के विकास को तीन अवस्थाओं डिंबावस्था या बीजावस्था, भ्रूणावस्था तथा गर्भस्थ शिशु की अवस्था में विभक्त करके बताया। आगे बढ़ते हुए उन्होंने प्रत्येक माह में गर्भस्थ शिशु के अंदर होने वाले परिवर्तन तथा विकास के बारे में विस्तार से बताया। अपने व्याख्यान में आगे उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के अंतिम चरण में गर्भवती महिला को प्रसव प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसके बाद महिला बालक को जन्म देने के लिए तैयार हो जाती है इसी के साथ उन्होंने प्रसव की अवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की। व्याख्यान के अंत में उन्होंने गर्भकालीन विकास को प्रभावित करने वाले कारक जैसे की माँ का आहार, माँ का स्वास्थ्य, मादक द्रव्य तथा तंबाकू, माँ की संवेगात्मक अनुभूतियां, माता-पिता की उम्र तथा जन्म का महीना आदि पर प्रकाश डाला। डॉ० कीर्तिमा सचान ने अपने व्याख्यान को अत्यंत ही रुचिकर तरीके से छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत किया, जिससे की छात्राएं अत्यंत रुचि लेकर व्याख्यान सुन रही थी। व्याख्यान कें अंत में विषय विशेषज्ञ द्वारा छात्राओं के प्रश्नों का उत्तर देकर समस्या का समाधान किया गया। अंत में डॉ० भावना सिंह ने डॉ० कीर्तिमा सचान का आभार व्यक्त कर छात्राओं को अगले दिन होने वाले प्रसार व्याख्यान के बारे में जानकारी दी।