डेंगू में छोटी सी लापरवाही हो सकती जानलेवा।**************उझानी बदायूं 12 अक्टूबर। डरिऐ मत ,रहिए सावधान।**************आजकल पूरे जनपद को डेंगू बुखार ने अपनी चपेट में ले लिया है। रोज डेंगू से मौतौ की खबर आ रही है। डेंगू हर बर्ष गर्मियों की विदाई ओर ठंड आने पर फैलता है जो सितंबर से नवंबर तक रहता है। आइये जानते हैं,डाॅ पी के गोयल ,( राष्ट्रीय गोरव एवार्ड प्राप्त )से कि डेंगू किन परिस्थितियों में जानलेवा होता है ओर केसे इससे बचा जा सकता है।*************। **केसे होता है डेंगू। ** ************ डाॅ गोयल के अनुसार डेंगू एडीज मादा मच्छरों के काटने से पनपता है, यह मच्छर गंदगी ही नहीं साफ जगहों पर भी पनपता है। ऐसा नहीं कि साफ सुथरी जगह ओर एसी में रहने वालों को डेंगू नहीं होता।************** **तीन प्रकार का होता है डेंगू।** ************** सामान्य डेंगू बुखार,, डेंगू मेरेजिक बुखार,को शाॅक सिंड्रोम कहते हैं। डेंगू हेमरजिक बुखार में नाक, मसूड़े ओर उल्टी के साथ खून आना। डेंगू शाॅक सिंड्रोम में मरीज को बैचेनी,होश खोना, ब्लडप्रेशर का कम होना। सबसे ख़तरनाक नाक होता है।***************.*.छूआछूत से नहीं फैलता डेंगू। प्लेटलेट्स के कम होने पर ज्यादा गंभीर**। डेंगू तब ओर ज्यादा गंभीर होता है जब खून में प्लेटलेट्स की कमी होती है , प्लेटलेट्स खून के थक्का बनाने वाली कोशिकाओं को कहते हैं।अगर पहले से प्लेटलेट्स कम हो तो जल्दी बीमार पड़ने की संभावना रहती है। यह बीमारी सिर्फ एडिस नाम के मादा मच्छर के काटने से ही होती है।*****************कब जानलेवा बनता है डेंगू बुखार?।** *********** बरिष्ठ फिजीशियन पीके गोयल के अनुसार डेंगू बुखार में जब पेशेन्ट की प्लेटलेट्स घटती है उसे थो्म्बो साईटोपेनियां कहते हैं। डेंगू प्लेटलेट्स कम नहीं करता बल्कि प्लेटलेट्स काउंट फंक्शन को खराब करता है। स्वस्थ आदमी में ढाई लाख से साढ़े चार लाख प्लेटलेट्स काउंट होती है। यही प्लेटलेट्स काउंट बीस हजार से नीचे आने पर मरीज को बचाना मुश्किल होता है।*****************डेंगू बुखार के लक्षण। उबरने में लगता है एक सप्ताह। ** ** सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा राजकुमार गंगवार के अनुसार डेंगू के पेशेन्ट में , सिरदर्द, मांशपेशियों व हड्डियों में दर्द,ठंड लगना,जी मिचलाना, बुखार, उल्टियां करना, आंखों में दर्द, स्किन पर लाल चकत्ते पडना, मुंह का स्वाद खराब होना। डेंगू के लक्षण है। इससे उबरने में मरीज को एक सप्ताह तक लग सकता है। बशर्ते वह चिकित्सक की देखरेख में रहे ।************** **ऐसा क्यों होता है।**************डेंगू का वायरस , बोनमैरो,पर प्रभाव डालता है,खून के समस्त अवयव लाल रक्त कणिकाएं ( RBC) श्वेत रक्त कणिकाएं ( WBC) एंव प्लेटलेट्स बोनमैरो में बनते है यह वायरस विषेष रूप से प्लेटलेट्स बनने की प्रकिया को कम कर देता है कभी कभी RBC एंव WBC भी प्रभावित होते हैं।******************बिना चिकित्सक की सलाह के दवा ना ले, समय से कराऐ टेस्टिंग।************* डेंगू बुखार से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों, बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज पेशेन्ट, किडनी व वीपी के रोगियों को होती है।*********”********क्या खाएं जब हो डेंगू बुखार।************** डा पीके गोयल के अनुसार अगर कोई डेंगू पेशेन्ट है तो उसे आंवला, कीवी,संतरा,अनार, अनन्नास ,अंगूर,पपीता, नारियल पानी,गिलोय रस,व खट्टे फलों सहित कम से कम तीन से चार लीटर पानी पीना चाहिए।*****”**”*********यह सावधानियां बरतें,तो बच सकते है डेंगू बुखार से????************** स्वस्थ आदमी यह सावधानियां बरतें, जेसे घर में व आसपास पानी जमा ना होने दें। फुल आस्तीन के कपड़े पहने, मोज़े व जूतें पहने, मच्छरदानी का प्रयोग करें,कूलर का पानी बदलते रहे ,घर में मिट्टी के तेल का पोछा लगाए, पानी बराबर पीते रहे,।***************राजेश वार्ष्णेय एम के