*108 एम्बुलेंस सेवा सोमवार को फिर वरदान साबित हुई।*
108 एम्बुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) और कैप्टेन ने अपनी सूझबूझ से मरीज के जीवन की रक्षा करने में अहम भूमिका अदा की।
सत्यराम(ईएमटी) और हरीश (कैप्टेन) ने बताया है कि 108 के कंट्रोल रूम लखनऊ द्वारा सोमवार को 11 बजे सूचना मिली कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दातागंज से जिला चिकित्सालय बदायुं के लिए दाताराम (70वर्ष) मरीज रैफर जाना है जो रोड एक्सीडेंट केस है ,
जिसके उपरान्त तत्काल प्रभाव से एम्बुलेंस स्टाफ एम्बुलेंस लेकर सीएचसी दातागंज पहुँचे।
एम्बुलेंस स्टाफ ने तत्काल दाताराम (70वर्ष) मरीज को एम्बुलेंस में शिफ्ट किया और जिला चिकित्सालय बदायुं के लिये एम्बुलेंस लेकर रवाना हो गये ।
एम्बुलेंस स्टाफ सत्यनाम(ईएमटी) ने रास्ते में ही टेलीफोनिक के माध्यम से ईआरसीपी टीम (लखनऊ) की मदद लेते हुये एवं ऑक्सीजन देते हुये ल मरीज को रास्ते में दर्द से दिलाई राहत , उसके बाद जिला चिकित्सालय बदायुं में सुरक्षित भर्ती कराया ।
एम्बुलेंस सेवाप्रदाता संस्था के प्रोग्राम मैनेजर राजन कुमार ने बताया कि 102 सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। 102 एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं व 2 साल तक के बच्चों को घर से सरकारी अस्पताल ले जाती है और वापस घर भी छोड़ती है। आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस में डिलीवरी किट एवं औषधियाँ उपलब्ध रहती है और एम्बुलेंस स्टाफ इसके लिए प्रशिक्षित हैं। इसलिए डिलीवरी के मामले में सभी 102 एम्बुलेंस का प्रयोग करना चाहिए। वहीं, 108 एम्बुलेंस सेवा से किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में सरकारी अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस की मदद ली जा सकती है। यह सेवा भी नि:शुल्क है।