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शारदीय नवरात्र का आगमन दे रहा है सुख समृद्धि का संकेत— राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य

शारदीय नवरात्र का आगमन दे रहा है सुख समृद्धि का संकेत—
राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही है. ऐसे में इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर भक्तों के बीच आ रही हैं. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा से उनके अनुसार बता दें कि नवरात्रि के शुरू होने के दिन से ही मां अम्बे की सवारी तय होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार के दिन होती है, तो मां अम्बे हाथी पर सवार होकर आती हैं.

हाथी पर आना देता है ये संकेत

वैसे को सभी यही जानते हैं कि मां दुर्गा की सवार शेर है. लेकिन धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी दुर्गा के आगमन का वाहन हाथी, घोड़ा, नाव, पालकी भी शामिल है. ऐसा माना जाता है कि जिस साल मां अम्बे हाथी पर सवार होकर आती हैं, उस साल अधिक वर्षा होती है. खेती के लिहाज के इसे बहुत अच्छा माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथी को खुशहाली और संपन्नता का प्रतीक माना गया है. ऐसे में व्रती के घर सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
इसी के साथ ही मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी
बता दें कि मां का आगमन हाथी पर होगा लेकिन वे प्रस्थान मुर्गे पर करेंगी. नवरात्रि का समापन शनिवार और मंगलवार के दिन होता है, तो मां दुर्गा मुर्गे पर प्रस्थान करती हैं. बता दें कि ये वाहन दुख और कष्ट का संकेत देता है. वहीं, रविवार और सोमवार के दिन समाप्त होने पर मां दुर्गा भैंस पर प्रस्थान करती हैं. जिसे बेहद अशुभ माना जाता है. वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि बुधवार और शुक्रवार के दिन समाप्त होने पर मां हाथी पर जाती हैं, जो कि ज्यादा वर्षा का संकेत देता है. शास्त्रों के अनुसार गुरुवार के दिन नवरात्रि का समापन होने पर मां मनुष्य के ऊपर सावर होकर जाती हैं. इसे सुख-समृद्धि में वृद्धि का संकेत माना जाता है.

नवरात्रि में नौ दिनों में नौ रूपों की पूजा की जाती है.
इस साल नवरात्रि यानि शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से शुरू होकर 23 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगीं. नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’. इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान,शक्ति की देवी मां जगदंबा के नौ रूपों की पूजा की जाती है.
दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है. नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है लेकिन बड़े पैमाने पर सिर्फ 2 नवरात्रि चैत्र और शारदीय नवरात्रि ही मनाई जाती है. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है.
भक्त मां की भक्ति के लिए पूरे नौ दिनों का उपवास करते हैं. और भक्ति भाव से मां की आराधना करते हैं.
तो चलिए जानते हैं
शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त-

पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 को रात 11.24 मिनट पर शुरू होगी
15 अक्टूबर 2023 को रात्रि 12.34 मिनट पर समाप्त होगी.

कलश स्थापना मुहूर्त –

रविवार सुबह 11.44 – दोपहर 12.30तक
इस वर्ष अभिजीत मुहूर्त में ही घट स्थापना मंगलकारी है।

राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य
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